Sunday, October 13, 2024

रामायण के सभी चरित्र एक दूसरे से भी अधिक श्रेष्ठ, जीवन में उनका आचरण उतारने का करें प्रयास – अनिल रॉयल

मुजफ़्फरनगर। बुराई पर अच्छाई की जीत का यह पर्व आज मनाया गया है। यह पर्व हम सभी के लिए प्रेरणादायक है, जिसमें प्रभु श्रीराम का जीवन तो प्रेरित होने योग्य है ही, उनके साथ ही माता सीता का त्याग उनसे भी बड़ा है और लक्ष्मण का त्याग उनसे भी बड़ा है। भरत का त्याग उससे भी बड़ा और उर्मिला का त्याग सबसे बड़ा है। हम सभी को प्रभु श्रीराम व रामायण के सभी पात्रों से प्रेरणा लेकर घर-परिवार व समाज में उन्हें अपनाते हुए आगे बढऩा चाहिए, जीवन में तभी सुख-शान्ति व समृद्धि आयेगी। उक्त उदगार दैनिक रॉयल बुलेटिन के प्रधान सम्पादक व मीडिया सैंटर के अध्यक्ष अनिल रॉयल ने गांधी कालोनी में आयोजित विजयदशमी उत्सव में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये।

श्री पुरूषार्थी रामलीला सभा गांधी कालोनी द्वारा आयोजित श्रीराम लीला मंचन के पश्चात आज रावण, कुम्भकर्ण व मेघनाद के पुतले दहन किये गये। एसडी गर्ल्स इंटर कॉलेज गांधी कालोनी के मैदान में दशहरा मेले में हज़ारों की भीड़ उमड़ी। इस अवसर पर रामलीला कमैटी की ओर से रावण, कुम्भकर्ण व मेघनाद के पुतले दहन के लिए लगाये गये थे।

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इससे पूर्व लक्ष्मी नारायण मंदिर से प्रभु श्रीराम ने लक्ष्मण व हनुमान जी के साथ रथ पर सवार होकर दशहरा मेला मैदान के

लिए प्रस्थान किया। यहां पर मुख्य अतिथि अनिल रॉयल ने प्रभु श्रीराम की आरती उतारी। इस मौके पर रामलीला कमैटी के पदाधिकारियों ने उनका माला व पगड़ी पहनाकर भव्य स्वागत किया।

एसडी गर्ल्स इंटर कॉलेज के मैदान पर राम व रावण की सेनाओं के बीच प्रतीकात्मक युद्ध का मंचन किया गया। तत्पश्चात मुख्य अतिथि अनिल रॉयल ने रावण, कुम्भकर्ण व मेघनाद के पुतले में अग्रि लगाकर दहन किया। इससे पूर्व कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्य अतिथि अनिल रॉयल ने कहा कि आज बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक यह पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। हम सभी के लिए रामजी का जीवन तो प्रेरणामयी है ही, जिनसे त्याग व समर्पण की भावना जीवन में उतारने की सीख मिलती है, लेकिन उनसे भी बड़ा त्याग माता सीता का है, जो अपने पति के लिए महलों का सुख छोड़कर

 

14 वर्ष के वनवास के लिए उनके साथ गई थी। सीता माता से भी बड़ा त्याग लक्ष्मण का है, जो प्रभु श्रीराम के साथ वनवास में गये, जबकि वह अयोध्या में भी रह सकते थे। उनसे भी बड़ा त्याग भरत का है, जो अयोध्या में रहते हुए भी 14 वर्ष तक प्रभु श्रीराम की चरण खडाऊ को सिंहासन पर रखकर राजकाज चलाते रहे। उनसे भी बड़ा त्याग उर्मिला का है, जो अपने पति लक्ष्मण से 14 साल तक दूर रही। उनसे भी बड़ा त्याग मांडवी का है जिन्होंने 14 वर्ष का पति से वियोग सहा जबकि उन्हें तो कोई वचन भी पालन नहीं करना था।

 

श्री रॉयल ने कहा कि रावण के पात्र से भी प्रेरणा लेनी चाहिए कि जो परम प्रकांड पंडित होने के बाद भी आज जलाया जा रहा है क्योंकि उसे अहंकार आ गया था।  उन्होंने आज कि आज सत्ता में या प्रशासन में या अन्य किसी भी महत्वपूर्ण पद पर हों, उन्हें रावण के पात्र से सबक लेना चाहिए कि जब इतने ज्ञानी का अहंकार उसका पतन करा देता है तो उन्हें भी अपने आचरण पर ज़रूर विचार करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि रामलीला के सभी पात्रों से प्रेरणा लेकर अपने परिवार व भाई-बन्धुओं से मिल-जुलकर रहना चाहिए और एक-दूसरे के प्रति त्याग की भावना रहनी चाहिए।रामायण के यह चरित्र घरों में भी अपनाये जाने चाहिए, जिससे परिवारों में कलह न रहे और सभी प्रेमभाव से रहे। उन्होंने प्रभु से प्रार्थना की कि आने वाली दीपावली इस जनपद के प्रत्येक व्यक्ति के लिए मंगलमय हो और वर्ष 2023 से भी ज्यादा सुख-समृद्धि लाने वाली हो।

उन्होंने विद्युत विभाग द्वारा रामलीलाओं से मोटी रकम वसूलने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि रामलीलाओं की बिजली काटी गयी और 85 सौ प्रतिदिन की वसूली की गई। इस मामले की शिकायत

 

मुख्यमंत्री कार्यालय से भी की गई।  उन्होंने कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजनों में यदि कुछ घंटे बिजली प्रयोग कर ली गई तो बहुत बड़ी आफत नहीं आ गई थी। अनेक जगह बिजली विभाग के अधिकारी व कर्मचारी खुद ही बिजली चोरी कराकर अवैध वसूली करते हैं , बहुत जगह 65 प्रतिशत तक लाइन लॉस है जिसके बजाय ऐसे धार्मिक आयोजनों के प्रति इस  तरह का रवैया अपनाया जाना गलत है। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म का आयोजन हो उनके प्रति सम्मान का व्यवहार रखा जाना चाहिए।

उन्होंने शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर भी कहा कि इस समय अफसरशाही से जनता त्रस्त है और राजनेता केवल अपने भले की सोच रहे हैं। अफसरों व नेताओं को यह सोचना चाहिए कि उन्हें पद से हटने के बाद जनता के बीच ही

रहना है, इसीलिए अपने अहंकार को त्यागकर जनता की भलाई के बारे में सोचे। इस समय जनता बिजली-पानी की समस्या से त्रस्त है और शहर में गन्दगी फैली है, लेकिन जिम्मेदार लोग इस पर ध्यान नहीं दे रहे है।

इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान, मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने भी दशहरा मेले की सभी को शुभ कामनाएं दी।

भाजपा नेता अशोक बाठला, सभासद अमित पटपटिया, विशाल गर्ग, सुनील ग्रोवर, सभासद पति राहुल पंवार के अलावा रामलीला कमैटी के प्रधान राकेश हुडिया, महासचिव विनोद छाबडा, सहसचिव घनश्याम हसीजा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रेमी छाबडा, जगदीश बिन्द्रा, कोषाध्यक्ष राजकुमार साहनी, पवन छाबडा, विवेक चुग्घ, सरदार सतनाम सिंह हंसपाल, पवन अरोरा, सुमित ठेकेदार, सरदार धनप्रीत सिंह चन्नी बेदी, मुकुल दुआ , केशव झाम्ब, विक्की चावला आदि समारोह में मुख्य रूप से मौजूद रहे।

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