महाभारत में युधिष्ठिर और यक्ष का प्रसंग आता है। यक्ष द्वारा युधिष्ठिर से पूछा जाता है कि जल से पतला कौन? भूमि से भारी क्या? कौन अग्नि से तेज और कौन काजल से भी काला है? इनका उत्तर जो युधिष्ठिर द्वारा दिया गया वह आश्चर्य में डालने वाला है। युधिष्ठिर कहते हैं कि जल से पतला ज्ञान है, पाप भूमि से भी भारी है, क्रोध अग्नि से भी तेज है और कलंक काजल से भी काला है। यह उत्तर सारे व्यक्तित्व को झकझोर देता है। आज के युग के साथ युग धर्म भी बदल गया है। आज अपने देश पर नजर डाले तो हिंसा, बलात्कार, चोरी, डकैती, खूनी दंगे आम बात हो चुकी है। इन्हें सुन देखकर आज का व्यक्ति सामान्य रहता है, देखते-देखते बराबर से गुजर जाता है या वीडियो बनाता है। राजनैतिक दल दूसरे देशों के राजनैतिक दलों से गुपचुप समझौते कर लेते हैं इसे देश से द्रोह मानने को तैयार नहीं। ‘कथित समाजसेवी संस्थाएं, ट्रस्ट किस प्रकार देश-विदेश और यहां तक की बदनाम संस्थाओं से चन्दे और दान के नाम पर धन ले रहे हैं और इसके बदले किन-किन मार्गों से उनका यह अहसान चुकता किया जाता होगा। कभी-कभी तो सम्भव है देश हित की बलि चढ़ा दी जाती है। जब-जब देश में यह सब घटता हुआ देखा जाता है तो जिन्हें देश के प्रति प्यार है उनकी सांसे थम जाती हैं। उन्हें क्रोध भी आता है और निराशा भी होती है।