Thursday, April 10, 2025

अनमोल वचन

लोक-परलोक को संवारने के लिए जो करना चाहिए वह आज और अभी से करना आरम्भ कर दो। भजन साधना के लिए वृद्धावस्था का समय निश्चित करना आत्म प्रबंधना है, वृद्धावस्था आयेगा तो अपना शरीर भी भारस्वरूप हो जायेगा फिर कुछ करने के योग्य ही कहां रह जाओगे। पैरों से ठीक प्रकार से चल नहीं पाओगे, तो फिर संतों के पास सत्संग के लिए कैसे जाओगे। कान सुन नहीं पायेंगे, तो संतों के उपदेशों का श्रवण कैसे करोगे।

 

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नेत्रों से दिखाई नहीं देगा तो ज्ञान भक्ति के ग्रंथों को कैसे पढोगे। स्मरण शक्ति क्षीण हो जायेगी तो महापुरूषों के मार्मिक वचन कैसे याद रखोगे। कोष की चाबी दूसरों के हाथ चली जायेगी तो निर्धन असहाय की सहायता कैसे करोगे, पुण्य कार्यों में धन कहां से लगाओगे। निर्बल शरीर से दूसरों की सेवा कैसे करोगे। इसलिए अपने परलोक की साधना सामग्री आज से व अभी से संग्रह करना आरम्भ कर दो।

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