फतेहपुर- उत्तर प्रदेश में फतेहपुर जिले के हथगाम क्षेत्र में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के जिला उपाध्यक्ष समेत तीन लोगों की हत्या के आरोपियों के एनकाउंटर और घर को बुलडोजर से ढहाये जाने की मांग को लेकर भाकियू के हजारों कार्यकर्ता घटना के बाद मौके पर डटे रहे, 29 घंटे बाद परिजन जिला प्रशासन के अनुरोध पर शवों के अंतिम संस्कार के लिये मान गये हैं।
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जिलाधिकारी रवीन्द्र सिंह और पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल के अथक प्रयास के बाद परिजन तीनो शवों के अंतिम संस्कार के लिये राजी हो गये है। आक्रोशित किसान और परिजनों की मांग थी कि आरोपियों के एनकाउंटर और घर को बुलडोजर से ढहाया जाये। भाकियू के हजारों कार्यकर्ता घटना के 29 घंटे तक मौके पर डटे रहे। आखिरकार किसान यूनियन के वरिष्ठ नेता अनुज सिंह की मध्यस्था से परिजनो ने जिला प्रशासन द्वारा कड़ी कानूनी कार्रवाई के आश्वासन पर अंतिम संस्कार के लिये रवाना होने का निश्चय किया।
गौरतलब है कि क्षेत्र के ग्राम लवरी निवासी भाकियू के जिला उपाध्यक्ष विनोद सिंह उर्फ पप्पू सिंह (55) अपने छोटे भाई पिंकू सिंह (50) और पुत्र अभय सिंह (22) के साथ मंगलवार सुबह एक ही मोटर साइकिल से अपने खेत से गांव अखरी वापस आ रहे थे कि तभी तहिरापुर के पास ट्रैक्टर सवारों ने उनका रास्ता रोका और ताबड़तोड़ फायरिंग की जिससे घटनास्थल पर ही तीनों की मृत्यु हो गयी।
पुलिस ने इस मामले में पीयूष सिंह और सुरेश सिंह को पैर में गोली मार कर कल शाम गिरफ्तार कर लिया था जबकि अन्य चार आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। परिजनों की मांग है कि सभी छह आरोपियों का एनकाउंटर किया जाये,आरोपियों के घर को बुलडोजर से ढहाया जाये और मृतक आश्रित को सरकारी नौकरी और मुआवजा दिया जाये।
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मृतक की मां शिव दुलारी सिंह वर्तमान में प्रधान है। इस मामले में भाकियू के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह और प्रदेश उपाध्यक्ष अनुज सिंह समेत हजारों किसान मौके पर डटे हुये है। शवों को उनके घर के सामने रखा गया है। पुलिस ने किसानो के रोष और तनाव को देखते हुये एहतियात के तौर पर सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किये है। गांव में एक बुलडोजर भी खड़ा किया गया है।
दो लोगों को शस्त्र के लाइसेंस, बच्चों की शिक्षा के लिए सहायता, पूरी सुरक्षा व्यवस्था के अलावा अभियुक्तों के विरुद्ध एनएसए, गैंगस्टर लगाने और हत्यारों को कड़ी सजा दिलाने के आश्वासन के बाद परिजन दाह संस्कार के लिए तैयार हुए। सभी अफसर तब तक मौके पर ही मौजूद रहे, जब तक अंतिम संस्कार नहीं हो गया और परिजन घर नहीं लौट आए। रात में ही तीनों शवों का पोस्टमार्टम हुआ। तड़के लगभग साढ़े तीन बजे तीनों शव गांव पहुंचे। गांव में पहले से ही भारी पुलिस पर मौजूद था। पड़ोती कौशांबी, हमीरपुर जनपद सहित जिले के सभी थानों का फोर्स बुलाया गया था। भारी संख्या में पीएसी बल मौजूद था।
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान भी इसी क्षेत्र के रहने वाले है। मृतक और हमलावर दोनों क्षत्रिय बिरादरी के हैं। प्रधानी के चुनाव व किसान यूनियन के राजनैतिक समीकरणों के कारण दोनों के बीच काफी अर्सें से वर्चस्व की लड़ाई चली आ रही है पर यह खूनी संघर्ष पहली बार हुआ है। स्थानीय पुलिस के प्रति ग्रामीणों में काफी रोष है।
इसी बीच जिला प्रशासन ने आरोपित ज्ञान सिंह की बहन के घर पर बुलडोजर की कार्रवाई करते हुए अवैध निर्माण को धराशायी कर दिया है। जिलाधिकारी रविंद्र सिंह ने बताया कि हत्यारोपी से संबंधितों का यह घर ग्राम समाज का भूमि पर अवैध रूप से निर्माण किया गया था। इसलिए यह कार्रवाई की गई है।
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जिलाधिकारी रवींद्र सिंह ने बताया कि मृतकों के परिवार को मुआवजा दिया जाएगा, साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी। जिला प्रशासन ने मामले की विवेचना विशेष जांच टीम (एसआईटी) से कराने पर भी सहमति जताई है। इसके अलावा मुकदमे की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराई जाएगी, ताकि दोषियों को जल्द सजा मिल सके।
जिलाधिकारी ने बताया कि हत्याकांड के आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत धारा 14ए के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाने और आरोपियों पर कठोर कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा गया है।