प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में 22 जनवरी को महाकुंभ के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में होने वाली कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश के धार्मिक और पर्यटन स्थलों के विकास से जुड़े कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा होगी। इस बैठक में प्रयागराज और आसपास के जिलों के विकास के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की उम्मीद है।
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बैठक में एक नई धार्मिक नगरी बनाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘डबल इंजन की सरकार’ उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों के विकास को प्राथमिकता दे रही है। नीति आयोग की सिफारिशों के आधार पर प्रयागराज और वाराणसी को जोड़ने वाले एक धार्मिक पर्यटन सर्किट की योजना बनाई गई है।
इस पहल में प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, मिर्जापुर और भदोही को शामिल करते हुए 22 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का एक क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण गठित किया जाएगा। इस परियोजना से 2.38 करोड़ से अधिक लोगों के जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा, प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, चित्रकूट और विंध्यधाम को मिलाकर एक धार्मिक गलियारे का निर्माण भी प्रस्तावित है।
बैठक में प्रयागराज और वाराणसी में नॉलेज पार्क और औद्योगिक केंद्र बनाने के साथ-साथ अयोध्या और रामस्नेही घाट के बीच एक औद्योगिक गलियारे के निर्माण की योजना पर भी चर्चा की जाएगी। इन पहलों से प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
कैबिनेट बैठक में प्रयागराज में चार स्थानों पर एलिवेटेड पुलों के निर्माण का प्रस्ताव भी पेश किया जाएगा। इनमें सिविल लाइंस हनुमान मंदिर से मेयोहाल चौराहा और नैनी में जेल से औद्योगिक क्षेत्र तक के पुल शामिल हैं। इनका सर्वे और शुरुआती ले-आउट तैयार हो चुका है।
इसके अलावा, वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों पर दर्शन व्यवस्था सुगम बनाने के लिए एक कमेटी गठन का प्रस्ताव भी रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि मंदिरों में रिसीवर द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान रखा जाए।
अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, वाराणसी, चित्रकूट, मिर्जापुर और प्रयागराज जैसे धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए योगी सरकार विशेष योजनाएं बना रही है।
- महाकुंभ 2025 में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का योगदान होगा।
- राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या वैश्विक तीर्थ स्थल के रूप में उभरा है, जहां प्रतिदिन 1 से 1.5 लाख पर्यटक आते हैं।
- 2023 में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ने वाराणसी में पर्यटन को बढ़ावा दिया, जहां 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे।
गौरतलब है कि 2019 में भी प्रयागराज में कुंभ के दौरान योगी कैबिनेट की बैठक हुई थी, जिसमें गंगा एक्सप्रेसवे को मंजूरी दी गई थी। इस बार भी कई बड़े प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिलने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश सरकार की ये योजनाएं न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देंगी, बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को भी गति प्रदान करेंगी।