नई दिल्ली। बागपत से आरएलडी सांसद राजकुमार सांगवान ने कहा है कि देश के युवाओं को राजनीति में आने का अवसर जल्दी मिलना चाहिए। कम उम्र में युवा राजनीति में आएंगे तो वह राष्ट्र निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभा सकेंगे। साथ ही राजनीति के बारे में अपने सीनियर लीडरों से ज्यादा सीखेंगे। उन्होंने कहा, हमारी पार्टी के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने राजनीति में अधिक युवाओं को शामिल करने के विचार का समर्थन किया था। उनका मानना था कि एक युवा व्यक्ति नए दृष्टिकोण लेकर आएगा। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अनुभवी वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। वे युवाओं को सीखने के बहुमूल्य अवसर प्रदान करते हैं। इसी मामले को राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने गुरुवार को उठाया था।
उन्होंने कहा कि भारत में युवाओं को राजनीति में अधिक मौके मिलने चाहिए। क्योंकि हमारा देश युवा है। देश की औसत उम्र 29 साल है। हमारे यहां की 65 फीसदी आबादी 35 साल से कम की है। वहीं, बाकी आबादी 25 साल से कम की है। उन्होंने एक आंकड़े का हवाला देते हुए राज्यसभा में कहा था कि जब पहली लोकसभा चुनी गई तो 26 फीसदी सांसद 40 साल से कम के थे। लेकिन, 17वीं लोकसभा में यह प्रतिशत 26 से घटकर 12 प्रतिशत रह गया। उन्होंने कहा कि हमारे देश को युवा नेता की जरूरत है।
उन्होंने कहा, राजनीति को लेकर अभिभावकों की सोच बदली नहीं है। वो अपने बच्चों को राजनीति में नहीं भेजना चाहते। उन्होंने राज्यसभा में कहा कि चुनाव लड़ने की उम्र 25 साल है। व्यक्ति चाहे लोकसभा का चुनाव लड़े या फिर विधानसभा का। मैं मांग करता हूं कि इसकी उम्र को घटाकर 21 साल कर देनी चाहिए। जब वोट 18 साल की उम्र में दे सकते हैं तो चुनाव क्यों नहीं लड़ सकते।