Saturday, January 18, 2025

पूर्व विधायक शाहनवाज राणा एक और मुकदमे में फंसे, नहीं हुई रिहाई, अभी रहना होगा जेल

मुजफ्फरनगर। पूर्व विधायक शाहनवाज राणा को राणा स्टील फैक्ट्री जीएसटी टीम पर हमले के मामले में जमानत मिलने के बाद पुलिस ने एक पुराने मामले में आरोपी बना दिया है, जिसमें उनकी रिहाई रुक गई है। वहीं सद्दाम राना की रिहाई पुलिस थाने से जमानत की तस्दीक न होने के कारण नहीं हो सकी।

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जीएसटी टीम के साथ बदसलूकी और हमले के मामले में पूर्व विधायक शाहनवाज राणा और सद्दाम राणा को जमानत मिलने के बावजूद रिहाई लटक गई है। बेटे शाह आजम राणा पर दर्ज धोखाधड़ी के मुकदमे में पूर्व विधायक शाहनवाज राणा को साजिश रचने का आरोपी बनाया गया है।

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सीजेएम कोर्ट में बचाव पक्ष की ओर से दाखिल जमानत अर्जी खारिज कर दी गई। अदालत ने पूर्व विधायक शाहनवाज राणा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। जानलेवा हमले में जमानत होने के बाद पुलिस ने साजिश रचने के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में वारंट तामील कराया। इसके बाद जिला कारागार से कड़ी सुरक्षा के बीच पूर्व विधायक शाहनवाज राणा को कोर्ट में पेश किया गया। बचाव पक्ष की ओर से जमानत अर्जी दाखिल की गई, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।

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उधर, सद्दाम राना की जमानत थाना सिविल लाइंस से तस्दीक नहीं हो पाई। इस कारण वह भी रिहा नहीं हो सका। उल्लेखनीय है कि  सहायक आयुक्त राज्य कर खंड आठ प्रदुम्मन चौधरी ने सिविल लाइन थाने में नौ दिसंबर को सर्व जंबूदीप एक्सपोर्ट कंपनी के डायरेक्टर पूर्व विधायक के बेटे शाह आजम राना के अलावा कामरान राना, जिया अब्बास जैदी और तौसीफ कुरैशी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था।

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वादी का कहना था कि जंबूदीप एक्सपोर्ट एडं इंपोर्ट लिमिटेड मेरठ रोड के जीएसटी नंबर के विरुद्ध प्राप्त इनपुट के आधार पर कंपनी की जांच 2018-19 में राज्य कर विशेष अनुसंधान शाखा ने की थी।  कंपनी की ओर से जो प्रपत्र प्रस्तुत किए गए, उनमें फर्जी कागजात मिले।

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न्यू यूपी उत्तराचंल टीपीटी कंपनी रामपुर चुंगी रुड़की, अयान रोड लाइंस राना चौक, हरियाणा महाराष्ट्र फ्रेट कैरियर कैथल हरियाणा, बरकत धर्मकांटा मेरठ रोड की बिल्टी फर्जी पेश की गई। इन संस्थानों का कोई अस्तित्व नहीं पाया गया। वेदांशु रोड कैरियर औद्योगिक क्षेत्र गाजियाबाद की बिल्टी असत्यापित पाई गई।

दैनिक राशिफल….. 18 दिसम्बर, 2024, बुधवार

कंपनी पर 27 करोड़ दो लाख 47 हजार 588 रुपये बकाया था, जिसे जमा नहीं कराया। कंपनी ने फर्जी दस्तावेजों से आईटीसी क्लेम किया। सरकारी राजस्व को हानि पहुंचाने के लिए फर्जी बिल्टियां तैयार की गई हैं। इस मामले में पूर्व विधायक शाहनवाज राणा को साजिश रचने का आरोपी बनाया गया है, इसी वजह से रिहाई लटक गई है। बचाव पक्ष की ओर से सेशन कोर्ट में अर्जी दाखिल की जाएगी।

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