Thursday, April 24, 2025

मद्महेश्वर धाम के जंगलों में 3 दिनों से फंसे 350 तीर्थयात्री, ऑडियो मैसेज भेजकर जल्द मदद की लगाई गुहार

रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से प्रख्यात भगवान मद्महेश्वर धाम में भी आसमानी आफत बरसी है। मध्यमहेश्वर या मदमहेश्वर भारत के उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय के एक गांव गौंडर में स्थित शिव को समर्पित एक हिंदू मंदिर है।

3,497 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, यह पंच केदार तीर्थयात्रा सर्किटों में से एक है। जिसमें गढ़वाल क्षेत्र में पांच शिव मंदिर शामिल हैं। यहां भी बारिश ने अपना कहर बरपाया है। जहां गौंडार गांव के बणतोली में बना पुल नदी में समाने से तीन दिनों से 350 से ज्यादा तीर्थयात्री यहां द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर धाम के जंगलों में फंसे हुए हैं।

ये सभी भगवान मद्महेश्वर धाम के दर्शन के लिए आए थे। अभी तक रस्सियों के सहारे 25 लोगों का रेस्क्यू कर लिया गया है। गौंडार गांव और अन्य पड़ावों मे रह रहे पर्यटको के लिए राशन भी खत्म होता जा रहा है। साथ ही स्थानीय दुकानदारों के पास भी राशन खत्म हो रहा है। वहा फसें यात्रियों ने ऑडियो मैसेज भेज कर सरकार से जल्द मदद की गुहार लगाई है।

[irp cats=”24”]

आपको बता दें कि मदमहेश्वर घाटी की सीमांत ग्राम पंचायत गौंडार गांव के बनातोली में नदी पर बना पुल मूसलाधार बारिश व नदी के उफान के कारण नदी में समा गया है। पुल के नदी में समाने के कारण मदमहेश्वर धाम सहित यात्रा पड़ावों का संपर्क गौंडार गांव से कट गया है।

यात्रा पड़ावों पर सैकड़ों यात्री फस गए हैं। क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण मधु गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से ग्रामीणों में भय बना हुआ है। मधु गंगा का जल स्तर लगातार बढ़ने से मधु गंगा नदी में जुगा पर बना पुल भी खतरे की जद में आ गया है।

मदमहेश्वर यात्रा के बनातोली पड़ाव में लगातार नदी का कटाव होने से बनातोली यात्रा पड़ाव भी खतरे की जद में आ गया है। तहसील प्रशासन ने मदमहेश्वर यात्रा पड़ावों पर फंसे तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है।

वहीं, उखीमठ एसडीएम जितेंद्र वर्मा ने कहा कि मौसम खराब होने के चलते हेली से रेस्क्यू करना मुश्किल हो रहा है। तीर्थ यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है।

उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि वो जंगलों में भटकने के बजाय मद्महेश्वर मंदिर के पास ही रहे। यहां मंदिर समिति की ओर से खाने की उचित व्यवस्था की जा रही है।

एसडीएम जितेंद्र वर्मा का कहना है कि मौसम साफ होने के बाद हेली से रेस्क्यू किया जाएगा। फिलहाल, रस्सी के सहारे भी तीर्थ यात्रियों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। अभी तक 25 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।

मौके पर आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत स्थानीय पुलिस की टीम मौजूद हैं।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय