लखनऊ। उत्तर प्रदेश की उपचुनाव वाली नाै विधानसभा सीटों पर छिटपुट घटनाओं के साथ बुधवार को मतदान संपन्न हो गया। चुनाव आयोग ने बताया कि 49.3 प्रतिशत अनुमानित मतदान हुआ है। उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। 23 नवंबर को उनके भाग्य का फैसला होगा। उपचुनाव के दौरान कई जगहों से बवाल और हंगामे की खबरें आई।
मीरापुर में मतदान शांतिपूर्वक सम्पन्न, पुलिस व प्रशासन रहा अलर्ट, 57.12 प्रतिशत वोटिंग
कानपुर के सीसामऊ,मुजफ्फरनगर की मीरापुर और मुरादाबाद की कुंदरकी क्षेत्र में गड़बड़ी फैलाने के प्रयास की इक्का दुक्का घटनाओं को छोड़ कर मतदान आमतौर पर शांतिपूर्ण रहा। मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा में सबसे अधिक 57.7 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जबकि सबसे कम मतदान गाजियाबाद विधानसभा में 33:3 फीसदी हुआ। इसके अलावा मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा में 57.3, कटेहरी ( आंबेडकरनगर) में 56.9, करहल (मैनपुरी) में 54.1, मझवां (मिर्जापुर) में 50.4, सीसामऊ (कानपुर) में 49.1 ,खैर (अलीगढ़) में 46.3,फूलपुर (प्रयागराज) में 43.4 फीसदी मतदान हुआ।
इस बीच मतदाताओं की आईडी मांगने के आरोप में पांच पुलिसकर्मियों को निर्वाचन आयोग के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया है जिनमें कानपुर और मुजफ्फरनगर में दो दो और मुरादाबाद का एक पुलिसकर्मी शामिल है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि आयोग के संज्ञान में आया था कि कुछ मतदान केंद्रों पर पुलिस वाले मतदाताओं के पहचान पत्र चेक कर रहे हैं जो सही नहीं है।
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इस बारे में प्रथम दृष्टया जांच के उपरांत कानपुर और मुजफ्फरनगर में दो दो और मुरादाबाद में एक पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है। उन्होने बताया कि मतदानकर्मी सभी मतदाताओं की आईडी चेक करेंगे। इस बारे में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए है। पुलिस आईडी चेक नहीं करेगी। पुलिस का काम पोलिंग बूथ की सुरक्षा करना है और अगर आगे भी ऐसी कोई शिकायत मिलेगी तो उस पर तत्काल कार्रवाई की जायेगी। इस बीच मुजफ्फरनगर में मीरापुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम ककरौली में दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प में कुछ लोग घायल हो गये।
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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने बताया कि झड़प की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उपद्रवियों काे खदेड़ दिया है और अब वहां शांति व्यवस्था कायम है। उपचुनाव में से आठ सीटें मौजूदा विधायकों के लोकसभा चुनाव के कारण खाली हुई हैं, जबकि सीसामऊ सीट पर मौजूदा सपा विधायक इरफान सोलंकी को आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण उपचुनाव हो रहा है। उपचुनाव में आज कुल 90 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद हो जायेगा। मतगणना 23 नवंबर को होगी और उसी दिन सभी परिणाम सामने आने की संभावना है।
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सबसे ज्यादा 14 उम्मीदवार गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र से हैं, जबकि सबसे कम 5-5 उम्मीदवार खैर (सुरक्षित) और सीसामऊ सीट पर हैं। पिछले विधानसभा चुनाव (2022) में, सपा ने सीसामऊ, कटेहरी, करहल और कुंदरकी सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा ने फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर सीटों पर कब्जा जमाया था। मीरापुर सीट पर राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) का कब्जा था, जो अब भाजपा का सहयोगी दल बन चुका है। वही ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने गाजियाबाद, कुंदरकी और मीरापुर सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने सीसामऊ को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं।
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इस उपचुनाव में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच है। लोकसभा चुनाव के बाद यह पहली चुनावी लड़ाई है, जिसमें कांग्रेस ने खुद को बाहर रखा है और समाजवादी पार्टी (सपा) का समर्थन किया है। वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सभी नौ सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारते हुए अकेले चुनावी मैदान में है।