मीरापुर। मीरापुर विधानसभा उपचुनाव के लिए आज छिटपुट घटनाओं को छोडकर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान सम्पन्न हो गया। सुबह 7 बजे प्रारम्भ होकर शाम 5 बजे तक वोट पडे, जिसमें 57.12 प्रतिशत वोटिंग हुई। निर्वाचन आयोग की गाईड लाईन का पालन न करते हुए महिला मतदाताओं की आईडी चैक करने पर दो पुलिसकर्मी निलंबित कर दिए गए।
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ककरौली में मतदाताओं पर पिस्टल तानने का मामला भी चर्चाओं में रहा, जिसका ट्वीट सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी किया, जिसमें ककरौली एसओ को आरोपी बनाया गया, हालांकि एसएसपी ने पिस्टल तानने की घटना से इंकार किया। मीरापुर में 23 नवम्बर को मतगणना होगी।
विधानसभा उपचुनाव में वोटिंग का सिलसिला प्रात: 7 बजे शुरू हुआ, जिसमें महिलाओं और पुरुषों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। कुछ मतदाता ऐसे भी थे जो पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे थे, जिससे उनके चेहरों पर उत्साह और जिज्ञासा साफ झलक रही थी। प्रारंभिक समय में मतदान की रफ्तार थोड़ी धीमी रही। सुबह 10 बजे तक केवल 20 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ।
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दोपहर तक यह आंकड़ा 30 प्रतिशत तक पहुंचा, लेकिन शाम होते-होते लोगों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई। शाम 5 बजे तक कुल 57 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो कि उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में सबसे अधिक रहा।
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चुनाव के दौरान पुलिस और प्रशासन की सख्ती भी नजर आई। कुछ ग्रामीण मतदाताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें वोट डालने से रोकने के लिए पुलिस ने अनुचित तरीके अपनाए। कई मतदाताओं ने दावा किया कि सही पहचान पत्र होने के बावजूद उन्हें मतदान केंद्र तक पहुंचने से रोका गया।
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चुडिय़ाला, कुतुबपुर, संभलहेड़ा, मुझेड़ा सादात, भूम्मा, खेडी सराय, तुल्हेड़ी और कुतुबपुर सहित मीरापुर क्षेत्र के अन्य गांवों में मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। हालांकि, कुछ बूथों पर पुलिस प्रशासन के रवैये को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी देखी गई। मतदान के शांतिपूर्ण माहौल के बावजूद, कुछ मतदाताओं ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि जानबूझकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को वोट डालने से वंचित किया गया। कई लोगों को मतदान केंद्रों के पास बेवजह रोका गया, जिससे उनकी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने की उम्मीदों को झटका लगा।
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मुस्लिम इलाकों में पुलिस की सख्ती बहुत ज़्यादा दिखाई दी। चुनाव आयोग के निर्देश है कि मतदाता पहचान पत्र केवल मतदानकर्मी चेक कर सकते है, पुलिस चेक नहीं कर सकती है लेकिन मुस्लिम बाहुल्य ककरौली,जौली,सीकरी, मुझेड़ा जैसे गांवों में पुलिस ने बैरिकेटिंग लगाकर मतदाताओं को रोका और जगह – जगह पहचानपत्र चेक करने के नाम पर उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया, जिसको लेकर मुस्लिम समाज में नाराजगी भी नज़र आई।
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इसके बावजूद, मतदान केंद्रों पर शांति बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन ने कड़ी निगरानी रखी। मतदान संपन्न होने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली। मीरापुर उपचुनाव में 57 प्रतिशत मतदान दर्ज होना यह दर्शाता है कि लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं। हालांकि, मतदान के दौरान उठे सवाल और प्रशासन पर लगे आरोप आने वाले दिनों में चर्चा का विषय बने रहेंगे। चुनाव आयोग से निष्पक्ष जांच और समाधान की मांग भी उठाई जा रही है।