नोएडा। नोएडा व दिल्ली में मुद्रा फाइनेंस कंपनी के नाम से कंपनी खोलकर लोन देने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले एक गैंग के नौ लोगों को थाना सेक्टर-63 पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस ने 2 लैपटॉप, 16 स्मार्ट फोन, 8 कीपैड फोन, ठगी के 5 लाख 26 हजार रुपये नकद व अन्य सामान बरामद किया है। बदमाशों ने अब तक एनसीआर के विभिन्न जनपदों में रहने वाले लोगों को लोन दिलवाने के नाम पर करोडों रुपए की ठगी कर चुके है।
अपर पुलिस उपायुक्त (जोन द्वितीय) ह्रदेश कटारिया ने बताया कि एक सूचना के आधार पर थाना सेक्टर-63 पुलिस ने आज नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के नाम शिवकुमार वर्मा पुत्र भोला प्रसाद, रवि सागर पुत्र नरसिंहमा, कुरूमुर्ति पुत्र बालचन्द्री, प्रकाश कुमार पुत्र मन्यम, शेखर यादव पुत्र राम नरेश यादव, श्रीकांत पुत्र जमदाग्नि, राजशेखर पुत्र सत्यनारायण, वेंकटेश पुत्र मुगलाल तथा साई कुमार पुत्र पांडू है।
उन्होंने बताया कि अभियुक्तों से पूछताछ के दौरान पता चला है कि यह लोग नोएडा सेक्टर-70 और दिल्ली के द्वारका में मुद्रा फाइनेंस कॉल सेंटर चलाते थे। वहां से ये लोग ऑनलाइन लोगों से संपर्क कर उन्हें लोन दिलवाने का आश्वासन देते थे। प्रोसेसिंग फीस आदि के नाम पर यह लोग पीड़ितों से मोटी रकम अपने खाते में डलवा लेते थे। तथा बाद में उनकी रकम को हड़प लेते थे। उन्होंने बताया कि इन्होंने सैकड़ों लोगों के साथ ठगी करने की बात स्वीकार की है।
उन्होंने बताया कि 30 मई को एक महिला ने थाना सेक्टर-63 की साइबर हेल्प डेस्क पर आकर सूचना दी थी कि बीती 5 मई को एक व्यक्ति ने उसे बताया कि उसकी पत्नी की तबियत बहुत खराब है। उसने अपने मित्र से पैसेे मंगाये हैं लेकिन उसका बैंक खाता न होने के कारण वो उसे रुपये नहीं भेज पा रहा है। जिसपर महिला द्वारा उपरोक्त व्यक्ति के कहने पर पैसा अपने खाते में मंगवा लिया गया एवं मनी ट्राँसफर की दुकान में जाकर उपरोक्त व्यक्ति के खाते में पैसा ट्राँसफर कर दिया गया। कुछ समय पश्चात महिला का खाता फ्रीज हो गया। जिसकी जानकारी के लिए जब अपने बैंक की शाखा में गयी तो बैंक वालों ने बताया कि खाते में फ्रॉड का पैसा आया था जिसके कारण साईबर क्राईम पुलिस, बिहार द्वारा खाता फ्रीज करवा दिया गया है।
उन्होंने बताया कि अभियुक्त शेखर द्वारा बताया गया कि वह फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया वेबसाईट से जरूरतमन्द लोगों का डाटा निकालकर उसे अपने साथियों व लोन के नाम पर आनलाईन ठगी करने वाले अन्य लोगों को 40 रुपये प्रति आईडी के हिसाब से बेच देता था तथा फ्रॉड का पैसा निकलवाने के लिए एकाउंट और सिम कार्ड भी पैसा लेकर उपलब्ध कराता था। अभियुक्त दिये गये डाटा से लोन के जरूरतमन्द लोगों को कॉल करके फाईल चार्ज व लोन के अन्य चार्ज के बहाने पैसा ऑनलाईन ट्राँसफर करवा लेते थे तथा बाद में उस पैसे को सभी लोग मिलकर निर्धारित हिस्सों में बाँट लेते थे। फ्रॉड के पैसों का 12 प्रतिशत खाताधारक को, 40 प्रतिशत कॉल करने वाले को और बाकी का 48 प्रतिशत पैसा अभियुक्त शेखर यादव व मुख्य अभियुक्त शिवकुमार के पास रह जाता था।
अभियुक्तोें के कब्जे से जो पैसे बरामद हुए हैं वह आनलाईन ठगी के हैं जो अभियुक्तों द्वारा खातों से निकलवाकर रखे हैं जो उनके द्वारा आपस में बाँटने थे। उन्होंने बताया कि अभियुक्त मुद्रा फाईनेंस कम्पनी के नाम पर फर्जी लोन दिलाने के नाम पर कालिंग कर ऑनलाईन फ्रॉड करने के शातिर अपराधी है, जिनके आपराधिक इतिहास के बारे में अन्य जगहों से भी जानकारी की जा रही है।