लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा की सुरक्षा व्यवस्था में रात दिन कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों ने मुख्य द्वारों पर चेकिंग बढ़ा दी है। विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना के आदेश पर विधानसभा को बड़े सुरक्षा घेरे में रखने की तैयारी हो गयी है। जिससे नई दिल्ली में संसद के भीतर हुए धुंआ कांड जैसी घटना को कहीं पर दोहराया ना जा सके।
संसद में धुंआ कांड के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने विधानसभा की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों से वार्ता की। जिसमें विधानसभा की सुरक्षा व्यवस्था और आवश्यक इंतजाम देखने वाले अधिकारियों ने आधुनिक गैजेट्स लगाने, समस्त प्रवेश द्वार पर चेकिंग बढ़ाने, चेकिंग के लिए लगाये गये पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाने, सीसीटीवी कैमरों को दुरुस्त करने, प्रवेश करने वाले व्यक्ति की स्थितियों की निगरानी रखने जैसे मुख्य विषय पर चर्चा की।
जनप्रतिनिधि के पास का सर्वाधिक उपयोग
उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रवेश के लिए ज्यादातर राजनीतिक दलों से जुड़े कार्यकर्ताओं और जरुरतमंद लोगों द्वारा जनप्रतिनिधि के पास का सर्वाधिक उपयोग होता रहा है। ये लोग एक निश्चित अवधि के लिए विधानसभा में प्रवेश करते है, जिसके बाद अपने कार्यों को पूर्ण कर वापस हो जाते हैं। ऐसे में जनप्रतिनिधि पास (आईडी प्रूफ) के माध्यम से विधानसभा में प्रवेश पाने वाले लोगों की जांच पड़ताल बढ़ायी जा सकती है।