नई दिल्ली। बैंक के धन की हेराफेरी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश, चेन्नई (तमिलनाडु) की अदालत ने शुक्रवार को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के तत्कालीन प्रबंधक के. भास्कर राव को 10.76 लाख रुपये के जुर्माने के साथ पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने उनकी पत्नी के शैलजा को 37,000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन साल की सजा सुनाई है। जांच के बाद सीबीआई ने 9 अगस्त, 2010 को आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। ट्रायल कोर्ट ने दोनों आरोपितों को दोषी करार दिया।
सीबीआई ने 31 जून, 2009 को आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2007-09 के दौरान यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सोकार्पेट शाखा, चेन्नई में प्रबंधक के रूप में और शाखा के अग्रिम विभाग की देखभाल करते हुए उन्होंने बैंक के साथ धोखाधड़ी की और बैंक के धन की हेराफेरी की। उन्होंने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए अलग-अलग तौर-तरीके अपनाए और अपनी यूजर आईडी और बैंक के अन्य अधिकारियों की यूजर आईडी का उपयोग करके बैंक के कोर बैंकिंग सिस्टम (सीबीएस) में प्रविष्टियों में हेरफेर किया।
आरोपित ने जमा राशि के बदले फर्जी ऋण बनाकर निष्क्रिय एसबी खातों को फिर से सक्रिय करने जैसे अनधिकृत लेनदेन भी किए और अपने और अपनी पत्नी के नाम पर शेयरों पर विभिन्न निवेश कंपनियों के साथ पैसा निवेश किया। इससे बैंक को 4,10,81,000/- रुपये का नुकसान हुआ। बैंक द्वारा 3,12,32,000/- रुपये की वसूली की जा चुकी है और 98,49,000 रुपये की राशि बकाया थी।