मुज़फ्फरनगर। वक्फ संशोधन बिल को लेकर समाजवादी पार्टी से मुस्लिम समाज की नाराजगी अब खुलकर सामने आने लगी है। मुज़फ्फरनगर ज़िले में बीते दो दिनों में सैकड़ों मुस्लिम मतदाताओं ने समाजवादी पार्टी से नाता तोड़कर राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) की सदस्यता ग्रहण की है।
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रविवार को बुढाना में 50 से ज़्यादा लोगों ने समाजवादी पार्टी छोड़कर रालोद की सदस्यता ली थी। वहीं, सोमवार को चरथावल विधानसभा क्षेत्र में पूर्व विधायक नूर सलीम राणा के आवास पर सैकड़ों लोगों ने समाजवादी पार्टी, कांग्रेस व अन्य दलों से इस्तीफा देकर रालोद का दामन थामा।
इस मौके पर उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार, पूर्व विधायक नूर सलीम राणा और रालोद जिलाध्यक्ष संदीप मलिक ने सभी नए सदस्यों का स्वागत किया और फूल-मालाएं पहनाकर पार्टी में उनका अभिनंदन किया।
वक्फ बिल पर मचा सियासी घमासान
कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वक्फ संशोधन बिल को लेकर विपक्ष दुष्प्रचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि बिल को समाप्त नहीं किया जा रहा बल्कि इसमें सुधार किया जा रहा है, जिससे आम मुस्लिम समाज को फायदा मिलेगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि कुछ लोग जो वक्फ संपत्ति का निजी हित में उपयोग कर रहे थे, वही इस संशोधन का विरोध कर रहे हैं।
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“रालोद ही सबका साथ, सबका विकास”
जिलाध्यक्ष संदीप मलिक ने बताया कि इस सदस्यता अभियान में 8 ग्राम प्रधान अपने गांववासियों सहित रालोद में शामिल हुए हैं। उन्होंने बताया कि रालोद सर्व समाज की पार्टी है और जयंत चौधरी जी की नीतियों से प्रभावित होकर लोग बड़ी संख्या में पार्टी से जुड़ रहे हैं।
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पूर्व विधायक नूर सलीम राणा ने कहा कि रालोद हमेशा से सेकुलर मूल्यों की पक्षधर रही है और हर धर्म का सम्मान करती है। वहीं, अमीरनगर के प्रधान नावेद खान ने कहा कि समाजवादी पार्टी सिर्फ भ्रम फैलाती है, जबकि रालोद जमीनी स्तर पर मुसलमानों के हित में काम कर रही है।