गुरुग्राम। गुरुग्राम की एक अदालत ने गुरुवार को हत्या के प्रयास के एक मामले में स्वघोषित गोरक्षक मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर को जमानत दे दी। उनके खिलाफ गुरुग्राम के पटौदी थाने में मामला दर्ज किया गया था।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जसबीर सिंह ने मोनू मानेसर की जमानत अर्जी मंजूर कर ली, जो फिलहाल भोंडसी जेल में न्यायिक हिरासत में है।
हालांकि, पुलिस ने 32 वर्षीय मानेसर की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मामले में 20 से अधिक संदिग्धों को अभी भी गिरफ्तार किया जाना बाकी है और मानेसर भाग सकता है या गवाहों पर दबाव डाल सकता है। हालांकि, अदालत ने गुरुवार को उनकी जमानत याचिका स्वीकार कर ली।
मामला फरवरी 2023 को पटौदी के वार्ड नंबर 9 के निवासी मोहिन को गोली लगने से जुड़ा है।
उसी इलाके के निवासी मुबीन खान ने एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि दो समूहों के बीच गोलीबारी के दौरान उनके बेटे को गोली मार दी गई थी।
शिकायत के बाद पटौदी पुलिस स्टेशन में मानेसर के खिलाफ धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत एफआईआर दर्ज की गई।
31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित बृज मंडल जलाभिषेक रैली के दौरान नूंह में हुए दंगे के मामले में गुरुग्राम पुलिस ने मोनू मानेसर को 11 सितंबर को गिरफ्तार किया था।
उसे अदालत में पेश करने के बाद राजस्थान पुलिस ने उसे दो मुस्लिम व्यक्तियों – नासिर और जुनैद की हत्या के मामले में प्रोडक्शन रिमांड पर ले लिया।
नासिर और जुनैद के जले हुए शव 16 फरवरी को राजस्थान-हरियाणा सीमा पर एक वाहन में पाए गए थे, जब कथित तौर पर कुछ गोरक्षकों ने उन पर गायों की तस्करी का आरोप लगाकर उनका अपहरण कर लिया था।
7 अक्टूबर को हरियाणा पुलिस ने पटौदी में हत्या के प्रयास के मामले में राजस्थान की अजमेर जेल में बंद मोनू मानेसर को प्रोडक्शन वारंट पर हिरासत में लेने की मांग की थी।