शामली। जनपद की कलेक्ट्रेट पहुंचे भाकियू के दर्जनों पदाधिकारियों और किसानो ने किसान हित से जुड़ी समस्याओं को लेकर सीएम के नाम एक 14 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन डीएम को सौंपा। किसानों ने उक्त सभी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किए जाने की मांग की है।
आपको बता दें कि भारतीय किसान यूनियन के दर्जनों पदाधिकारी और किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहा उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित एक 14 सूत्रीय मांगो का ज्ञापन जिला अधिकारी को सौंपा। जिसमे अवगत कराया गया है की प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को सिंचाई के लिए बिजली मुफ्त देने का वायदा किया गया था लेकिन वो आजतक पूरा नही हुआ। नलकूपों पर मीटर लगाने की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए साथ ही पूर्व में निजी नलकूप का कनेक्शन लेने पर किसान को जो 300 मीटर विद्युत लाइन विभाग की ओर से दी जाती थी उसे पुनः लागू किया जाए। गन्ने का पैराई सत्र शुरू हुए दो माह का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक गन्ना समर्थन मूल्य घोषित नही किया गया।
इसलिए गन्ना समर्थन मूल्य कम से कम पांच सौ रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया जाए। प्रदेश में कई शुगर मिलों पर किसानों का गन्ने का भुगतान बकाया है वो तत्काल कराया जाए। आवारा पशुओं से किसानो को निजात दिलाई जाए। एमएसपी गारंटी कानून बनाए जाने के मामले में केंद्र सरकार पहल करे और इसे अमलीजामा पहनाया जाए इसके अलावा फसलों के उचित मूल्य के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट और फॉर्मूले को लागू किया जाए। एनजीटी के नियमो में किसानों के लिए ढलाई की जाए और जो कृषि यंत्र किसानो के काम में आते है उन्हे जीएसटी से मुक्त किया जाए। फसलों की बुवाई के समय उवर्क केंद्रों पर पर्यापत मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराया जाए।
देश में भूमि अधिग्रहण की नीति को किसानो के अनुकूल बनाया जाए और गांवों के उजड़ने की कीमत पर उन सभी ग्रामीणों के उत्थान के लिए योजना बनाई जाए। लखीमपुर कांड के आरोपी को कड़ी सजा देते हुए मंत्री को बर्खास्त किया जाए और इसके अलावा किसानो से संबंधित दर्ज मुकदमों को एक समय सीमा के भीतर निस्तारित किया जाए। बीज के अधिकार किसी बड़ी कंपनी को न दिए जाए साथ ही बाहरी देश की कंपनी से भी कोई समझौता नहीं किया जाए। देश में सरसो को पूर्णतया वर्जित किया जाए क्युकी यह मानव जीवन और पर्यावरण के लिए खतरनाक हो सकता है इसके फील्ड ट्रायल को भी तत्काल प्रभाव से रोका जाए।
भारत सरकार बीज संरक्षण के लिए ट्रेनिंग सेंटर खोले और किसानों को इनके बारे में जानकारी दे। क्योंकि इसी से स्वदेशी बीज को बढ़ावा मिलेगा साथ ही जैव विविधता के अनुस्रार उत्पादन भी होगा।किसानो ने उक्त सभी मांगों को तत्काल प्रभाव से पूरा किए जाने की मांग की है।