होली का त्योहार उमंगों से भरा है और बच्चे, बूढ़े युवा सभी इसे उत्साह से मनाते हैं पर समय के साथ-साथ इस त्योहार को मनाने के अशिष्टता आती जा रही है।
पहले इस त्योहार को बड़ी शालीनता से मनाया जाता था। मित्रा, पड़ोसी एक दूसरे को रंग लगाते थे, गले मिलते थे और होली के हुड़दंग का मजा लेते थे परंतु अब होली के प्रेममय त्योहार पर खासकर युवा वर्ग शालीनता छोड़ छोड़ छाड़ पर उतर आता है। महिलाओं पर जबरदस्ती रंग डालना, गुब्बारे मारना आदि उन्हें आनन्दमय लगता है।
इस त्योहार पर महिलाओं को विशेष परेशानी का सामना करना पड़ता है। कामकाजी महिलाओं को तो होली से दो-तीन दिन पहले ही छुट्टी लेनी पड़ती है क्योंकि रंगों और गुब्बारों से डर कर उन्हें घर पर ही बैठना होता है।
होली का आनन्द सभी उठाना चाहते हैं पर अगर दूसरे व्यक्ति को इससे कोई परेशानी होती है तो जबरदस्ती उस पर रंग डाल कर आप उसे परेशान न करें। आप भी होली आनन्द से मनाएं व दूसरों को भी इस त्योहार का आनन्द लेने दें। इसके लिए होली खेलते समय कुछ बातों का ध्यान रखें:-
होली वाले दिन ही खोली खेलें। 4-5 दिन पूर्व लोगों पर जबरदस्ती पानी डालना, गुब्बारे मारना कामकाजी लोगों की परेशानी का कारण बन सकता है।
होली में गुलाल का ही प्रयोग करें। मिट्टी, पक्के रंग व अन्य रसायनों का प्रयोग न करें। ये व्यक्ति की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
होली खेलें पर जबरदस्ती नहीं। जबरदस्ती किसी पर रंग न लगाएं या पानी न फेंकें।
होली के अवसर पर भांग व अन्य नशीले पदार्थों का सेवन न करें। ये होली जैसे आनन्दमय त्योहार के रंग में भंग डाल सकते हैं।
होली खेलते समय शालीनता की सीमा नहीं लांघें। शालीनता की परिधि में रहकर ही होली खेलें।
होली पर घटिया रंगों का प्रयोग कतई न करें। रंग आंखों में न पड़ें। इससे आंखों को नुकसान पहुंच सकता है।
गुब्बारों से होली मत खेलें। कई बार गुब्बारा बहुत तेज लगता है और व्यक्ति को गहरी चोट लग सकती है।
होली वाले दिन और उससे 2-3 दिन पहले भी बहुत पतले कपड़े वस्त्रा न पहनें। थोड़े से मोटे कपड़े के वस्त्र पहनें जिससे कपड़ों के गीले होने पर भी आपके अंतर्वस्त्रा न दिखाई दें और आपको शर्मसार न होना पड़े।
होली वाले दिन कीमती आभूषण न पहनें। होली खेलते समय इनके टूटने व गिरने का डर रहता है। होली खेलने से पूर्व शरीर पर क्रीम या तेल लगा लें। इससे रंग त्वचा पर नहीं चढ़ता और छुड़ाने में भी आसानी रहती है। बालों पर भी तेल लगाकर उन्हें अच्छी तरह बांध लें।
– सोनी मल्होत्रा