मेरठ। शहर में पिछले एक माह से बिजली व्यवस्था धड़ाम है। इससे व्यापारियों का कारोबार चौपट हो रहा है। अब तक शहर के व्यापारियों को 40 लाख से अधिक का नुकसान हो चुका है। व्यापारियों में बिजली विभाग की कार्यशैली को लेकर रोष पनपता जा रहा है। उन्होंने समस्या का शीघ्र समाधान न होने पर सड़क पर उतरकर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है।
व्यापारियों का कहना है कि बिजली कटौती से जहां व्यापार चौपट हो रहा है, वहीं रात्रिकालीन कटौती ने नींद हराम कर रखी है। विद्युत विभाग केवल बिल लेने में ही तेजी दिखाता है, बिजली देने में नहीं। विद्युत आपूर्ति काे दुरुस्त करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री की आरडीएसएस योजना के तहत जो कार्य जनवरी व फरवरी माह में किए जाने थे, अब गर्मी के मौसम में किए जा रहे हैं। घंटों लाइन बदलने के नाम पर विद्युत कटौती की जा रही है। जिसका विपरीत प्रभाव व्यापार पर पड़ रहा है।
व्यापारी नवनीत जैन का कहना है कि महानगर की विद्युत व्यवस्था भगवान भरोसे है। कटौती ने आम नागरिकों व व्यापारियों का जीना हराम कर रखा है। अनियमित कटौती से व्यापारी परेशान हैं। कपड़ा, मोबाइल, आइक्रीम, पनीर, कोल्ड ड्रिंक, पेटीज, दूध, दही, केक आदि सामान खराब हो रहा है। इससे व्यापारियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है।
दिन में विद्युत कटौती के कारण दूर से आए ग्राहकों को निराश लौटना पड़ता है। घाटे के कारण दुकान पर काम करने वाले लेबरों को भी पैसा देने में परेशानी हो रही है। विद्युत कटौती के समय में सुधार की आवश्यकता है।
कर्मचारी व अधिकारी बिजली आपूर्ति को दुरूस्त करने की बजाए अवैध वसूली करने में लगे हुए हैं। बिजली न रहने पर कमाई नहीं हो पा रही है। बिजली की कटौती का समय सबकी सुविधा को देखते हुए होना चाहिए। जनरेटर के सहारे की धंधा है। बिजली का कोई भरोसा नहीं रह गया है। लोकल कटौती के बाद चंद घंटे ही बिजली मिलती है। पिछले कुछ दिनों में ही व्यापारियों को लगभग 40 लाख रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ है।