गाजियाबाद। गाजियाबाद में गुरुवार को एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है जिस पर शायद आप यकीन ना करें लेकिन यह 100 प्रतिशत हकीकत है। दरअसल साहिबाबाद थाना क्षेत्र के पसोंडा गांव निवासी शातिर किस्म का वाहन चोर था लेकिन वह अपने क्राइम रिकॉर्ड को छुपाते हुए सेना सशस्त्र बल में शामिल हुआ और इसके बाद वह दिल्ली स्थित सीबीआई के कार्यालय में हेड कांस्टेबल की नौकरी करता रहा।
अधिवक्ता खालिद खान ने आरोप लगाते हुए बताया कि 2002 में पुलिस ने साहिबाबाद थानाक्षेत्र में पसौंडा गांव में छापा मारा था। छापे के दौरान पुलिस ने चोरी के कई वाहन बरामद किए थे। मामले में साजिद और उसके भाई को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। दोनों को अदालत में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया, लेकिन कुछ दिन बाद जमानत पर छूटकर बाहर आ गए। उन्होंने बताया कि साजिद के खिलाफ वाहन चोरी के मामले गाजियाबाद के अलावा दिल्ली, मेरठ और बागपत में भी दर्ज हैं।
साजिद वाहन चोरी के कई मामलों में नामजद होने के बाद भी अपना क्राइम रिकॉर्ड छिपाकर सेना सशरूत्र बल (एसएसबी) में भर्ती हो गया। वहां कई साल नौकरी करने के बाद सीबीआई में हैड कांस्टेबल बन गया। साहिबाबाद थाने में दर्ज गाडी चोरी के मामले में उसके खिलाफ वारंट हो गए लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। 2002 के मामले में जेल जाने के कुछ दिन बाद ही जमानत पर बाहर आकर वह गायब हो गया था।
किसी तरह पुलिस को पता चला कि साजिद दिल्ली के आरके पुरम स्थिति सीबीआई कार्यालय में बतौर हैड कांस्टेबल तैनात है। एसीजेएम-5 की अदालत से पुलिस वारंट लेकर पहुंच गई। उसके बाद साजिद ने गुरुवार को अदालत पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट ने साजिद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। अधिवक्ता खालिद खान ने बताया कि अदालत ने मामले में सीबीआई और एसएसबी को भी पत्र भेजने के आदेश जारी किए हैं।
मुकदमों में अदालत में पेश नहीं होने पर कई अदालतों ने उसके गैर जमानती वारंट जारी कर दिए, लेकिन 2002 के बाद वह कोर्ट की ओर नहीं पलटा और न ही दिए गए पते पर मिला। पुलिस के पास साजिद के चार घरों के थे। पुलिस को भी नहीं पता था कि वह सीबीआई में नौकरी कर रहा है।