Friday, September 20, 2024

देश में बारिश से सामान्य जनजीवन बेहाल , दिल्ली-एनसीआर तरबतर, उत्तराखंड में केदारनाथ यात्रा रोकी गई

नई दिल्ली। देश के अधिकांश हिस्सों में बरसात से सामान्य जनजीवन बेहाल है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास का इलाका बरसात से तरबतर है। पिछले 48 घंटे से कभी मध्यम तो कभी तेज बरसात हो रही है। आज भी दिल्ली-एनसीआर को कोई राहत मिलती नहीं दिख रही। उत्तराखंड में तो आज बारिश कहर बरपा सकती है। भारत मौसम विज्ञान विभाग का पूर्वानुमान यही संकेत दे रहा है। खराब मौसम की वजह से गुरुवार को केदारनाथ यात्रा रोक दी गई।

इन राज्यों को चेताया गया

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भारत मौसम विज्ञान विभाग ने आज दिल्ली के लिए येलो, उत्तराखंड के लिए रेड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल ओडिशा, मिजोरम, नगालैंड, मणिपुर और त्रिपुरा के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विभाग ने मानसून के बारे में एक तात्कालिक चेतावनी जारी की है। इसमें कहा गया है कि मौजूदा मौसम प्रणाली अगले नौ घंटों तक उत्तर भारत के क्षेत्र को प्रभावित करेगी। राजस्थान में धौलपुर और आसपास के क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण पार्वती बांध के 10 गेट खोल दिए गए हैं। इससे 50 गांव संकट से घिर गए हैं।

मानसून की वापसी अगले हफ्ते से संभव

मौसम विज्ञान विभाग का पूर्वानुमान है कि आज दिल्ली में दिन भर बादल छाए रहेंगे। अधिकांश हिस्सों में बारिश होती रहेगी। इस दौरान 25 से 35 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। अधिकतम तापमान 31 और न्यूनतम 21 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। विभाग का कहना है कि देश को अगले सप्ताह से कुछ राहत मिलेगी। मौसम विज्ञानियों का मानना है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 19 से 25 सितंबर के बीच देश से लौटने लगेगा।यह आमतौर पर पहली जून तक केरल में प्रवेश करता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में पहुंच जाता है। यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से हटना शुरू हो जाता है। 15 अक्टूबर तक पूरी तरह लौट जाता है।

कहीं अधिक, कहीं कम पानी बरसा

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों के अनुसार, देश में एक जून से अब तक के मानसून सीजन में 836.7 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। यह सामान्य वर्षा से आठ प्रतिशत अधिक है। पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से 16 प्रतिशत कम, उत्तर-पश्चिम, मध्य और दक्षिण भारत में क्रमश: चार, 19 और 25 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है।

48 घंटे में 47 लोगों की मौत

देश के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश ने 48 घंटों में 47 लोगों की जान ली। इनमें उत्तर प्रदेश में 32, मध्य प्रदेश में 11 और राजस्थान में चार लोग काल-कलवित हुए। उत्तराखंड में केदारनाथ यात्रा रोकने के साथ प्रदेश में आज 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया है। विभाग ने अभी तीन दिन और हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड समेत 14 राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

तीन दिन भारी

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने आगामी तीन दिन तक उत्तर से लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत अधिक बारिश की चेतावनी दी है। इन प्रदेशों में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड शामिल हैं।

सोनप्रयाग में 2500 यात्री फंसे

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में भारी बारिश की वजह से कल केदारनाथ पैदल मार्ग को बंद करना पड़ा। सुरक्षा के दृष्टिगत केदारनाथ धाम से किसी को नीचे नहीं भेजा गया। यात्रा बंद होने के कारण सोनप्रयाग में लगभग 2,500 यात्री फंसे हुए हैं। राज्य में बारिश और भूस्खलन के कारण 168 मार्ग बंद हैं। इसमें राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग, बार्डर रोड से लेकर ग्रामीण मोटर मार्ग शामिल हैं। मौसम विज्ञान केंद्र ने देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, बागेश्वर, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर जिले के अधिकतर हिस्सों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। अन्य जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। हिमाचल प्रदेश के 12 में से पांच जिलों में आज के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।

इसे कहते हैं येलो अलर्ट

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, यलो अलर्ट मौसम बिगड़ने की संभावना को देखते हुए जारी किया जाता है। इसके तहत लोगों को लगातार मौसम का अपडेट लेने की सलाह दी जाती है।

इसे कहते हैं ऑरेंज अलर्ट

ऑरेंज अलर्ट तब जारी किया जाता है, जब मौसम का स्तर अधिक गड़बड़ होता है। इस स्थिति में आंधी-तूफान व तेज बारिश की भी संभावना होता है। लोगों को अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने के लिए सतर्क किया जाता है।

इसे कहते हैं रेड अलर्ट

रेड अलर्ट तब जारी किया जाता है, जब मौसम बहुत अधिक खराब होता है। इसके तहत तेज बारिश होने की संभावना और बादल फटने की आशंका होती है। इस स्थिति में जान-माल का अधिक नुकसान होने की आशंका रहती है। अगर रेड अलर्ट है तो लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलना चाहिए।

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