रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के गुण्डम गांव में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महुआ के पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर ग्रामीणों से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने नक्सलवाद के एक छोटे से दायरे में सिमटने की बात कही। गृहमंत्री शाह ने कहा, “पीएम मोदी की पहल पर हमने माओवादी आतंक को 31 मार्च 2026 तक समाप्त करने का लक्ष्य रखा है, इसका परिणाम है कि आज नक्सलवाद एक छोटे से दायरे में सिमट कर रह गया है।
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माओवादी आतंक के डर से ग्रामीणों को मुक्त कराने के लिए बस्तर के विभिन्न स्थानों में सुरक्षा कैंप लगाए गए है। बस्तर अंचल में अमन और शांति का वातावरण स्थापित हो रहा है।” उन्होंने ग्रामीणों से ज्यादा से ज्यादा योजनाओं से जुड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की। उन्होंने बताया गुण्डम के नजदीक स्थापित कैंप में अस्पताल की सुविधा है, जहां निशुल्क उपचार हेतु ग्रामीण निसंकोच होकर जाएं और झाड़-फूंक के भरोसे नहीं रहें। शाह ने ग्रामीणों को निशुल्क 35 किलो चावल, महतारी वंदन योजना सहित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराया। शाह ने गांव में स्थित प्राथमिक शाला का अवलोकन कर बच्चों से पढ़ाई संबंधी जानकारी ली और नियमित स्कूल आने के लिए बच्चों को प्रेरित किया। वहीं उन्होंने महिलाओं को भी शिक्षा के लाभ से अवगत कराया।
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उन्होंने कहा, बच्चों को स्कूल अवश्य भेजें। शिक्षा से ही समस्याओं का समाधान निकलेगा। उन्होंने ग्रामीणों हेतु जन सुविधा शिविर लगाकर आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पासबुक, आयुष्मान कार्ड सहित अन्य सभी आवश्यक दस्तावेज बनाने के निर्देश कलेक्टर को दिए। कहा कि समस्त योजनाओं का लाभ लेने के लिए बैंक पासबुक अनिवार्य है, इसलिए सभी का बैंक पासबुक जरूरी है। गृहमंत्री ने कहा कि एक साल के अंदर गांव में सड़क, बिजली, स्कूल,अस्पताल, पेयजल जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी मौजूद थे।