Tuesday, December 17, 2024

अरविंद केजरीवाल का राजनीतिक सफर उलझा हुआ – वीरेंद्र सचदेवा

नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री और ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दिल्ली की राजनीति का एक बड़ा दिलचस्प पहलू है, और अरविंद केजरीवाल का राजनीतिक सफर भी इसी में उलझा हुआ है। 2011 में जब अरविंद केजरीवाल ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी, तब उन्होंने कांग्रेस सरकार के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया था।

 

मुज़फ्फरनगर में सम्पत्ति विवाद में महिला की हत्या, जेठ से हाथापाई के दौरान चारा काटने की मशीन के पट्टे में आई

 

वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “केजरीवाल ने सीएजी (कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाए थे कि सरकार ने सार्वजनिक वित्त का दुरुपयोग किया था और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया था। केजरीवाल की यह शिकायत विशेष रूप से पावर डिस्कॉम और बिजली कंपनियों के खातों के बारे में थी। इसी आधार पर उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) की स्थापना की और जनलोकपाल बिल की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया।” उन्होंने कहा, “जब अरविंद केजरीवाल खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री बने, तो उनका रुख बदल गया। यह एक बहुत बड़ी विडंबना है कि जिस रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत की थी, वही रिपोर्ट अब उनके लिए एक चुनौती बन गई है।

 

 

आजमगढ़ में सपा ‘नेताजी’ को दरोगा ने मार दिया सेल्यूट, एसएसपी ने कर दिया निलंबित

 

अरविंद केजरीवाल अब 12 साल पुरानी सीएजी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से बच रहे हैं, जबकि उन्होंने पहले इसी रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस सरकार को निशाने पर लिया था।” उन्होंने कहा, “इसके अलावा केजरीवाल अब पावर डिस्कॉम कंपनियों का भी बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं, जो कभी उनके विरोध का मुख्य मुद्दा हुआ करती थीं।” उन्होंने कहा, “16 फरवरी 2014 को जब अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने कांग्रेस सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग की थी। सीएजी एक स्वतंत्र संस्था है। जिसका कार्य सरकारी खर्चों का ऑडिट करना और उनकी समीक्षा करना है। प्रत्येक सरकार का यह कर्तव्य होता है कि वह सीएजी रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखे और जनता के सामने पेश करें, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

 

न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की होगी व्यक्तिगत उपस्थिति, सुप्रीमकोर्ट कॉलेजियम आज करेगा बैठक

 

लेकिन, अरविंद केजरीवाल की सरकार ने 2017 से 2021 के बीच सीएजी की कई महत्वपूर्ण रिपोर्ट को दबा दिया। इन रिपोर्टों में शराब पर वैट और साइज ड्यूटी, प्रदूषण से संबंधित मामलों और अन्य वित्तीय गड़बड़ियों को लेकर 14 प्रमुख बिंदु उठाए गए थे।” उन्होंने कहा, “यहां पर एक महत्वपूर्ण सवाल उठता है कि अरविंद केजरीवाल क्यों इन रिपोर्टों को सार्वजनिक नहीं कर रहे। यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि जब सरकारी खर्चों की समीक्षा की जाती है और सीएजी रिपोर्ट तैयार होती है, तो वह राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है कि उसे विधानसभा के पटल पर रखा जाए। इसके लिए प्रशासनिक मंजूरी और उपराज्यपाल से अनुमति की आवश्यकता होती है।

 

 

 

 

अरविंद केजरीवाल, जो खुद इस प्रक्रिया के बारे में जानते हैं, शायद इस बात से डरते हैं कि यदि इन रिपोर्टों को सार्वजनिक किया गया, तो उन पर आर्थिक घोटाले और भ्रष्टाचार के मुकदमे बन सकते हैं। यही कारण है कि उन्होंने इन रिपोर्टों को दबा रखा है और उन्हें सार्वजनिक नहीं किया है।”

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,303FansLike
5,477FollowersFollow
135,704SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय