नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर हुई चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के लिए संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि वंचितों के कल्याण और राष्ट्र निर्माण की मूल प्रेरणा है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “देश की प्रगति के बारे में सार्थक चर्चा हुई। हमें बहुत लंबी लड़ाई के बाद आजादी मिली। संविधान पर चर्चा युवा पीढ़ी के लिए अच्छा है।
देश कितना आगे बढ़ा, यह चर्चा जनता को इस बात का अहसास कराएगी। इस चर्चा में हम गहराई तक गए और हमारा लोकतंत्र पाताल की गहराई तक है।” अमित शाह ने कहा कि संसद के दोनों सदनों में हुई बहस देश के युवाओं के लिए शिक्षाप्रद होगी। इससे देश के लोगों को यह समझने में भी मदद मिलेगी कि किस पार्टी ने संविधान का सम्मान किया है और किसने नहीं। मैं सरदार पटेल को धन्यवाद देता हूं, क्योंकि उनके संघर्षों के कारण ही भारत दुनिया के सामने मजबूती से खड़ा है।
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उन्होंने कहा, “ये भी साफ हुआ कि जनता ने जब किसी पार्टी को जनादेश दिया, तो उसने सम्मान किया या नहीं किया। संविधान पर चर्चा युवा पीढ़ी के लिए अच्छा है। इस देश की जनता ने लोकतांत्रिक तरीके से अनेक तानाशाहों का अभिमान चूर-चूर करने का काम किया है।” गृह मंत्री ने कहा, “भारत की आजादी पर दुनिया मानने को तैयार नहीं थी कि यह देश संगठित रह पाएगा या संवैधानिक मूल्य स्थापित कर सकेगा, लेकिन आज आजादी के 75 साल बाद, जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं, तो यह सरदार वल्लभभाई पटेल के अथक परिश्रम का ही परिणाम है कि हमारा देश मजबूती से खड़ा है।”
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उन्होंने कहा कि जो लोग कहते थे कि हम आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हो पाएंगे, उनको भी जनता ने व हमारे संविधान ने खूबसूरती से जवाब दिया है। आज हम दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर सम्मान के साथ खड़े हैं। —