Wednesday, April 23, 2025

दिल्ली सरकार ने कैग की रिपाेर्ट पेश करने में किया है टालमटोल -हाईकोर्ट की टिप्पणी

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि वह अपने कामकाज के बारे में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के रिपोर्टों को विधानसभा के समक्ष प्रस्तुत करने में “टालमटोल कर रही है,” जिससे उसकी वास्तविक मंशा पर शक होता है।
न्यायाधीश सचिन दत्ता ने दिल्ली विधानसभा में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, “आप (दिल्ली सरकार) जिस तरह टालमटोल कर रही है उससे उसकी वास्तविकता को लेकर शक होता है आपको कैग रिपोर्टों को तुरंत विधानसभा अध्यक्ष को प्रेषित करना चाहिये था ताकि उस पर सदन में बहस करायी जा सके।”

राष्ट्रीय युवा दिवस पर ब्लड बैंक पर युवाओं को लालच देकर रक्तदान कराने का आरोप


अदालत इस मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को करेगी। दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया कि यह याचिका राजनीतिक उद्देश्य प्ररित है। अदालत ने कहा कि इन रिपोर्टों को उपराज्यपाल को भेजने और फिर उन्हें विधानसभा अध्यक्ष को प्रेषित करने की तिथियों और उनमें लगने वाले समय को देखा जाये तो उससे सारी चीजें स्पष्ट लगती हैं। अदालत ने कहा, “देखिये आपने कुछ समय तक किस तरह टाल-मटोल की यह दुर्भाग्यपूर्ण है।” अदालत ने टिप्पणी की कि यह टाल-मटोल कैग की रिपोर्ट पर बहस करने से बचने के लिए थी।

गुरुग्राम की आशियाना सोसायटी में घुसा तेंदुआ, रेस्क्यू कर अरावली में छोड़ा

[irp cats=”24”]


भाजपा के विधायक विजयेन्द्र गुप्ता, विधायक मोहन सिंह बिष्ट, ओम प्रकाश शर्मा, अजय कुमार महावर, अभय वर्मा, अनिल कुमार वाजपेयी और जितेन्द्र महाजन ने अदालत में याचिका दायर किया कि कैग की रिपोर्ट को सदन पटल पर रखने के लिए दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित करने के लिए अध्यक्ष को निर्देश दिया जाये।
दिल्ली सरकार के अधिवक्ता ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह याचिका राजनीतिक से प्ररित है और उन्होंने यह भी कहा कि उपराज्यपाल के कार्यालय में रिपोर्टों को सार्वजनिक किया गया है और समाचार पत्रों को भी दे दिया है। उन्होंने कहा कि यहां राजनीतिक फायदे के लिए अदालत का इस्तेमाल किया जा रहा है। दिल्ली सरकार वकील ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं ने मामला अदालत के विचाराधीन होने के बावजूद संवाददाता सम्मेलन किया।
अदालत ने कहा कि इन बातों का असल मुद्दे से क्या संबंध है। अदालत ने सरकार से आरोपों का जवाब देने कहा और टिप्पणी की कि वह राजनीति से उसका लेना देना नहीं है।

 

मुजफ्फरनगर के नॉनवेज होटल में विवाद के बाद मारपीट, तीन युवक घायल


याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने कहा कि अदालत को पूरा अधिकार है कि वह विधानसभा अध्यक्ष को कैग की रिपोर्ट रखने के लिए विधानसभा की बैठक दे सके। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट न पेश करना विधानसभा की कार्यवाही का मामला नहीं है बल्कि एक बड़ा अवैध कार्य है और संविधान का उल्लंघन है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया है कि दिल्ली विधानसभा चार दिसंबर को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की गयी, लेकिन उसका सत्रावसान नहीं किया गया है।

मुजफ्फरनगर की कचहरी में अपनी पीड़ा लेकर पहुंची पचेंडा निवासी वृद्धा, आवारा कुत्तों ने नोंचा, किया लहूलुहान

 


विधानसभा सचिवालय ने याचिका पर नोटिस के जवाब में कहा है कि कानूनी व्यवस्था के अनुसार अब कैग की इन रिपोर्टों की संवीक्षा नहीं करायी जा सकती क्योंकि सदन की लोक लेखा समिति का अब चुनाव के बाद गठित होने वाली सरकार के बाद किया जायेगा। सचिवालय ने यह भी कहा है कि सदन का विनियमित करने के अध्यक्ष के अधिकार को देश के किसी भी अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
उपराज्यपाल के कार्यालय की ओर से कहा गया है कि उच्च न्यायालय के पास यह अधिकार है कि वह अध्यक्ष को कैग की रिपोर्ट तत्काल सदन में रखवाने का निर्देश दे सके।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,719FansLike
5,532FollowersFollow
150,089SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय