वाराणसी। हाल ही में बनारस में ‘चाइनीज राक्षस’ के प्रतीकात्मक पुतले को लेकर विवाद पैदा हो गया। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने चाइनीज मांझे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए 21 फीट का ‘चाइनीज राक्षस’ का पुतला लेकर राजघाट से मार्च निकाला था, लेकिन पुलिस ने बिना अनुमति के यह मार्च निकालने पर रोक लगा दी थी। इस दौरान पुलिस और सपाइयों के बीच नोकझोंक भी हुई, लेकिन पुलिस की सख्त चेतावनी के बाद मामला शांत हो गया था।
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लेकिन, सोमवार को समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव किशन दीक्षित के नेतृत्व में सपाजी कार्यकर्ताओं ने फिर से चाइनीज राक्षस के प्रतीकात्मक पुतले को लेकर विरोध मार्च निकाला। इस बार सपाजनों ने इसे सरायमोहाना से मोटरबोट पर लेकर निकाला और विरोध करते हुए पुतले को दफन कर दिया। पुलिस प्रशासन ने विरोध प्रदर्शन की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचने की कोशिश की, लेकिन तब तक पुतला दफन कर दिया गया था।
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यह घटना पुलिस प्रशासन की नाकामी को उजागर करती है, जहां विरोध प्रदर्शन की स्थिति में प्रशासन पूरी तरह से चुप था और चाइनीज मांझे के खिलाफ एक बड़ा विरोध प्रदर्शन भी नहीं रोक पाया।