मुजफ्फरनगर। रामपुर तिराहा कांड में महिला गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज कराये गये। एक महिला गवाह ने कोर्ट ने अपने बयान दर्ज कराते हुए बताया कि रामपुर तिराहा पर आंदोलनकारियों की बस में सिविल ड्रेस में एक व्यक्ति पहुंचा और बस को पुलिस चौकी ले जाने के लिए कहा। इस दौरान चार महिलाओं को बस में लाया गया, उनके कपड़े फटे हुए और वह पुलिस वालों को कोस रही थीं। कुछ देर बार बस को पुलिस लाइन ले जाया गया।
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अपर सत्र न्यायालय पॉक्सो कोर्ट सख्या- दो में रामपुर तिराहा कांड की सुनवाई हुई। देहरादून से पहुंची 63 साल की गवाह ने अदालत में बयानों से भयावह तस्वीर पेश की। गवाह ने बताया कि वह 28 महिलाओं के साथ बस सेगोपेश्वर से दिल्ली के लिए चले थे। पहले मुनि की रेती पर तलाशी हुई, लेकिन आगे बढ़ने से नहीं रोका गया। रात करीब 10 बजे रामपुर तिराहा पर पहुंचे। ट्रकों को आड़ा तिरछा खड़ा करके पुलिसकर्मियों ने रास्ता जाम कर दिया था। आंदोलनकारी बस से उतरकर खाना खाने के लिए ढाबे पर पहुंचे, लेकिन पुलिस का हवाला देकर खाना देने से इंकार कर दिया गया। बाद में सिर्फ महिलाओं को खाना दिया गया।
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इसी दौरान लाठीचार्ज का शोर मचा। हम अपनी बस में पहुंचे, महिलाओं की अध्यक्ष ने हमें बस में बैठाकर दरवाजा लॉक कर लिया। कुछ देर बार 20-22 पुलिसकर्मी पहुंचे। वह लॉक तोड़कर बस में चढ़ गए और कुछ महिलाओं के साथ दुराचार करने लगे। एक दो महिलाओं के साथ छीना छपटी की और सीट से नीचे गिरा दिया।
महिलाओं की अध्यक्ष ने बर्बरता देखकर कहा कि वह आग लगा देंगी, इसके बाद पुलिसकर्मी बस से नीचे उतरे। कुछ पुलिसवालों को महिलाओं ने बस से धकेला। तीन बार पुलिस वाले अलग-अलग समय पर बस में चढ़े थे। रामपुर तिराहा कांड में सेशन कोर्ट में सीबीआई बनाम राधा मोहन द्विवेदी की पत्रावली में सुनवाई चल रही है, जबकि सीबीआई बनाम बृज किशोर और सीबीआई बनाम एसपी मिश्रा की पत्रावली का मजिस्ट्रेट ट्रायल चल रहा है।
आरोपी राधामोहन द्विवेदी, प्रबल प्रकाश, नरेश त्यागी, सतीश, राकेश, देवेंद्र और कुशलपाल अदालत में पेश नहीं हुए। अगली सुनवाई 21 फरवरी को होगी। सीबीआई की ओर से महिला की गवाही जारी रहेगी।