नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर अपनी नई किताब को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने कहा कि यह किताब उनके जीवन के उतार-चढ़ाव को दर्शाती है और इसमें उनकी राजनीतिक यात्रा का विस्तृत वर्णन है। अय्यर ने बताया कि वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की वजह से राजनीति में आए और इस सफर में उन्होंने जीत और हार दोनों का अनुभव किया।
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर अपनी राय रखते हुए मणिशंकर अय्यर ने कहा कि वह इसके खिलाफ हैं। उन्होंने तर्क दिया कि मुस्लिम समाज को बदलाव के लिए समझाने की जरूरत है, लेकिन जब हिंदू पर्सनल लॉ में बदलाव किए गए थे, तब संसद में 90% हिंदू सदस्य थे। अब, जब मुस्लिम पर्सनल लॉ में बदलाव की बात हो रही है, तब संसद में केवल 4% मुस्लिम सांसद हैं।
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उन्होंने इसे असंतुलित स्थिति बताते हुए कहा कि यह मुस्लिम समुदाय के साथ अन्याय होगा। उनका मानना है कि इस तरह के मुद्दे जल्दबाजी में लागू नहीं किए जा सकते। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जबरदस्ती नीतियां लागू नहीं कर सकती, और कई बार ऐसी नीतियां सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाती हैं।
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मणिशंकर अय्यर ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि इन दोनों नेताओं की जिम्मेदारी बनती है कि वे यह स्पष्ट करें कि मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हो रही घटनाओं के पीछे असली कारण क्या हैं और दोषियों को सजा क्यों नहीं दी जा रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इन मुद्दों को छिपाने की कोशिश कर रही है, लेकिन कांग्रेस इस पर चुप नहीं बैठेगी।
प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ 2025 पर मणिशंकर अय्यर ने कहा कि वह नास्तिक हैं और उनके पास वह आस्था नहीं है, जो कुंभ जैसे धार्मिक आयोजन में जाने के लिए जरूरी होती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह कभी कुंभ नहीं गए हैं और भविष्य में जाने का भी कोई इरादा नहीं रखते।
अय्यर ने अपने राजनीतिक सफर को लेकर भी कई बातें साझा कीं। उन्होंने कहा कि जब वे दिल्ली में एक महत्वपूर्ण पद पर थे, तब कांग्रेस अध्यक्ष ने उनसे कहा था कि यह एक अस्थायी जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी बताया कि जब पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें बढ़ाने के कारण जनता में आक्रोश था, तब उन्हें पद से हटाए जाने की संभावना थी, लेकिन इसके बावजूद वह 20 महीनों तक उस पद पर बने रहे।
मणिशंकर अय्यर के ये बयान राजनीतिक हलचल बढ़ा सकते हैं। उनके UCC विरोध, मोदी-योगी सरकार पर निशाने और महाकुंभ को लेकर दिए गए बयान पर बीजेपी और अन्य दलों की प्रतिक्रिया आ सकती है। उनकी नई किताब में और कौन-कौन से चौंकाने वाले खुलासे हैं, यह भी देखना दिलचस्प होगा।