नमक हमारे भोजन का अहम हिस्सा है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में नई गाइडलाइन जारी की है, जिसमें कम सोडियम वाले नमक के उपयोग की सिफारिश की गई है। यह गाइडलाइन विशेष रूप से भारतीय उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि भारत में औसत नमक की खपत अनुशंसित मात्रा से अधिक पाई गई है।
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Salt Intake Per Day: डब्ल्यूएचओ की नई गाइडलाइन क्या कहती है?
WHO के अनुसार, एक व्यक्ति को प्रतिदिन अधिकतम 5 ग्राम (1 चम्मच) से अधिक नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं, सोडियम की मात्रा 2 ग्राम प्रतिदिन होनी चाहिए। लेकिन भारत में औसत नमक की खपत 10 ग्राम प्रतिदिन तक पहुंच जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है। इसी कारण, डब्ल्यूएचओ ने कम सोडियम वाले नमक का उपयोग करने की सलाह दी है, विशेष रूप से पोटेशियम युक्त नमक को प्राथमिकता देने की बात कही गई है।
क्या हर किसी के लिए फायदेमंद है लो-सोडियम नमक?
WHO ने स्पष्ट किया है कि कम सोडियम वाला नमक (लो-सोडियम साल्ट) वयस्कों और स्वस्थ व्यक्तियों के लिए लाभकारी हो सकता है। हालांकि, गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों और किडनी से संबंधित समस्याओं वाले लोगों को सामान्य नमक का ही सेवन करने की सलाह दी गई है, क्योंकि उनके लिए पोटेशियम की अधिक मात्रा हानिकारक हो सकती है।
अत्यधिक नमक के सेवन से कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जिनमें शामिल हैं:
हाई ब्लड प्रेशर – अधिक नमक ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
हृदय रोग और स्ट्रोक – नमक की अधिक मात्रा दिल के दौरे और स्ट्रोक का कारण बन सकती है।
किडनी पर असर – अधिक नमक किडनी की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकता है, जिससे किडनी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
हड्डियों की कमजोरी – ज्यादा सोडियम शरीर से कैल्शियम कम कर देता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।
पाचन संबंधी समस्याएं – अत्यधिक नमक डिहाइड्रेशन, एसिडिटी और पाचन संबंधी विकार पैदा कर सकता है।
क्या हैं बेहतर विकल्प?
WHO ने 27 जनवरी 2025 को जारी गाइडलाइन में ‘लो-सोडियम सॉल्ट सब्सटिट्यूट’ (LSSS) को पारंपरिक नमक का बेहतर विकल्प बताया है। इस प्रकार के नमक में सामान्य टेबल सॉल्ट की तुलना में कम सोडियम और अधिक पोटेशियम क्लोराइड होता है, जिससे यह सेहत के लिए सुरक्षित माना जाता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय खानपान में स्वाद का विशेष महत्व होता है, इसलिए लोग अधिक नमक का सेवन करते हैं। लेकिन लो-सोडियम नमक अपनाने से हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।
कैसे करें नमक का संतुलित सेवन?
✅ ताजे फलों और सब्जियों का अधिक सेवन करें, ताकि शरीर को प्राकृतिक रूप से आवश्यक पोषक तत्व मिलें।
✅ प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड से बचें, क्योंकि इनमें पहले से ही अधिक मात्रा में सोडियम मौजूद होता है।
✅ कम सोडियम वाले नमक का चयन करें और धीरे-धीरे इसकी आदत डालें।
✅ खाने में ऊपर से अतिरिक्त नमक डालने से बचें, खासकर सलाद और तैयार पकवानों में।
✅ स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, जिसमें नियमित व्यायाम और संतुलित आहार शामिल हो।
नमक हमारी सेहत के लिए जरूरी है, लेकिन इसकी अधिकता से कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। WHO की नई गाइडलाइन के अनुसार, कम सोडियम वाला नमक अपनाकर हम अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। सही जानकारी और जागरूकता के साथ खाने की आदतों में सुधार कर एक स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाना जरूरी है।
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