गाजियाबाद। एमएमजी अस्पताल में सीटी स्कैन विभाग में रिश्वत लेकर सीटी स्कैन की रिपोर्ट बदलने के तीन दोषियों को हटा दिया गया है। दो सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट पर सीएमएस डॉ. राकेश कुमार सिंह ने सीटी स्कैन संचालित करने वाली संस्था को पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए कहा था। सीएमएस ने बताया कि पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर संचालित सीटी स्कैन विभाग में कार्यरत तीन स्टाफ ने मारपीट के एक मामले में वास्तविक रिपोर्ट के बजाय झूठी रिपोर्ट दी थी। उसकी जांच कराई गई थी। जांच में आरोप सही पाया गया।
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रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस जांच रिपोर्ट का सत्यापन कराने पहुंची थी। रेडियोलॉजिस्ट डॉ. पंकज शर्मा ने सीटी स्कैन केंद्र के ऑनलाइन सर्वर पर फिल्म की जांच की तो उसमें फ्रैक्चर नहीं था। जबकि केंद्र से जारी की गई रिपोर्ट में सिर में फ्रैक्चर बताया गया था। रिपोर्ट को फर्जी मानते हुए उन्होंने पूरे मामले की जानकारी सीएमएस को दी थी उसके बाद सीएमएस ने जांच का आदेश दिया था।
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एमएमजी अस्पताल में सरकार और निजी क्षेत्र के सहयोग (पीपीपी मॉडल) से सीटी (कंप्यूटरीकृत टोमोग्राफी) स्कैन केंद्र चलाया जा रहा है। संचालन के लिए शासन ने एचएलएल हेल्थकेयर लिमिटेड कंपनी को अधिकृत किया है। केंद्र में रोजाना 75 से 80 जांच हो रही हैं। इनमें सिर, फेफड़े, पेट, गुर्दा, लिवर सहित अन्य जांच शामिल हैं। मरीजों को जांच की सीटी स्कैन फिल्म तुरंत दे दी जाती है, जबकि जांच रिपोर्ट अगले दिन दी जाती है। केंद्र की सारी रिपोर्टिंग ऑनलाइन है। रेडियोलॉजिस्ट किसी भी रिपोर्ट को ऑनलाइन देख सकते हैं।