गाजियाबाद। ऊर्जा निगम अब तीन किलोवाट के कनेक्शन पर एमआरआई मीटर लगाएगा। अब तक पांच से आठ किलोमीटर वाले कनेक्शन पर एमआरआई मीटर लगाए जाते हैं। दायरा कम हो जाने से दो लाख और मीटर लगाए जाएंगे। इसके लिए मार्च तक का लक्ष्य रखा गया है।
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एमआरआई मीटर लगाने के लिए सर्वे कराया है। इसके बाद मीटर लगाने का काम शुरू हुआ है। सर्वे में ऐसे उपभोक्ता भी चिन्हित किए जा रहे हैं, जिनके कनेक्शन पर लोड लगातार बढ़ रहा है। इन सभी के यहां भी एमआरआई मीटर लगाए जाने हैं। इसके अलावा सर्वे कर उन उपभोक्ताओं को भी चिह्नित किया जा रहा है, जिनके यहां हर महीने लोड बढ़ रहा है। ऐसे में तीनों जोन में तीन लाख एमआरआई मीटर और लगाए जा सकते हैं।
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जोन एक के अधीक्षण अभियंता एके सिंह ने बताया कि एमआरआई मीटरों की रीडिंग एक खास तरह की मशीन से ली जाएगी। इन मीटर से रीडिंग लेने के बाद उपभोक्ताओं को हाथोंहाथ बिल नहीं मिलेगा। रीडर इन मीटर का डाटा कंप्यूटर पर अपलोड करेंगे और साॅफ्टवेयर के जरिए बिजली बिल जनरेट होगा। इससे बिजली बिलों में हेराफेरी नहीं हो सकेगी। पहले चरण में पांच से आठ किलोवाट भार के करीब 20 हजार मीटर लगा दिए गए हैं और बाकी जगहों पर मीटर लगाने का काम किया जा रहा है।
अब तक मीटर रीडर मैनुअल तरीके से बिजली के मीटरों की रीडिंग लेते थे, जिससे मीटर में हुई छेड़छाड़ का पता नहीं चलता था। एमआरआई आधारित मीटरों की रीडिंग स्कैन की जा सकेगी। ऊर्जा निगम के अधिकारियों के मुताबिक उपभोक्ताओं का डाटा फीड करने का काम मार्च में सर्वे के साथ ही शुरू कर दिया जाएगा।