प्रयागराज। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित इंटरमीडिएट परीक्षा-2025 में प्रधानाचार्या सहित संगठित नकल गिरोह के 6 सदस्यों को आजमगढ़ जिले के गम्भीरपुर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने यह कार्रवाई कर नकल माफिया के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है।
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उत्तर प्रदेश में बोर्ड परीक्षाओं में हो रही संगठित नकल और अवैध वसूली के खिलाफ राज्य सरकार ने कड़े निर्देश जारी किए थे। एसटीएफ की वाराणसी इकाई को सूचना मिली थी कि 6 मार्च को इंटरमीडिएट की भौतिक विज्ञान की परीक्षा में आजमगढ़ जिले के पं. कामता प्रसाद इंटर कॉलेज में कुछ छात्रों की जगह सॉल्वर परीक्षा दे रहे हैं।
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एसटीएफ की टीम ने जिला विद्यालय निरीक्षक उपेंद्र कुमार, सेक्टर मजिस्ट्रेट हरिशंकर दूबे और थाना गम्भीरपुर के प्रभारी बसंतलाल के साथ स्कूल में छापेमारी की। चेकिंग के दौरान परीक्षा कक्षों में सॉल्वर छात्रों के स्थान पर बैठकर उत्तर पुस्तिकाएं लिखते हुए पाए गए। गिरफ्तार आरोपी बबीता तिवारी – प्रधानाचार्या, पं. कामता प्रसाद इंटर कॉलेज, मुडहर ठेकमा, थाना गम्भीरपुर, जनपद आजमगढ़। नवनीत राय – पुत्र निखलेश राय, निवासी भैंसकुर, थाना बरदह, जनपद आजमगढ़ (सॉल्वर)। राधेश्याम सरोज – पुत्र रामप्रकाश सरोज, निवासी उत्तरगांव, थाना गम्भीरपुर, जनपद आजमगढ़ (सॉल्वर)। शीतल तिवारी – पुत्री प्रमोद तिवारी, निवासी मुडहर, थाना गम्भीरपुर, जनपद आजमगढ़ (सॉल्वर)। निधि – पुत्री रविन्द्र प्रसाद, निवासी मेहरो, थाना देवगांव, जनपद आजमगढ़ (सॉल्वर)। धर्मलेश सरोज – पुत्र दिलराम सरोज, निवासी मुडहर, थाना गम्भीरपुर, जनपद आजमगढ़ (जनसेवा केंद्र संचालक) के रहने वाले है। जिनके पास से 3 मोबाइल फोन,5 प्रवेश पत्र,4 कूटरचित (फर्जी) आधार कार्ड,6 इंटरमीडिएट भौतिक विज्ञान के प्रश्नपत्र, 7 परीक्षा कॉपियां बरामद हुई है।
गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि प्रधानाचार्या बबीता तिवारी और उनके पति विजय तिवारी (कॉलेज प्रबंधक) मिलकर नकल माफिया का संचालन कर रहे थे। परीक्षा केंद्र के अंदर सॉल्वर छात्रों की जगह बैठकर परीक्षा देते थे। परीक्षा केंद्र के बाहर कुछ परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं स्कूल से बाहर ले जाकर सॉल्वर से लिखवाई जाती थीं। परीक्षा कक्ष में सॉल्वर बैठाने के लिए ₹20,000 प्रति छात्र, परीक्षा केंद्र के बाहर कॉपी लिखवाने के लिए ₹50,000 प्रति छात्र से लिए जा रहे थे।
धर्मलेश सरोज जनसेवा केंद्र चलाता था और उसने छात्रों के आधार कार्ड में हेरफेर कर उनके स्थान पर सॉल्वर के फोटो लगा दिए थे। छात्रों से लाखों रुपये वसूले जाते थे। कॉलेज प्रबंधक और प्रधानाचार्या की मिलीभगत से नकल माफिया सक्रिय था। विशाल राय उर्फ शोले और निलेश तिवारी उर्फ छोटू परीक्षा कॉपियां बाहर ले जाकर सॉल्वर से लिखवाते और फिर स्कूल में जमा करा देते। राजू सरोज और संजय सरोज के घरों पर उत्तर पुस्तिकाएं लिखवाई जाती थीं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने बोर्ड परीक्षाओं में नकल पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं और इस मामले में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छानबीन जारी है। गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है।