मुजफ्फरनगर। वैश्य अग्रवाल राजवंश सभा द्वारा वैश्य शिरोमणि राजा रतनचन्द की मूर्ति का लोकार्पण महोत्सव लक्ष्मण विहार स्थित राजवंशी धर्मशाला पर धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम के संयोजक राजेंद्र प्रसाद गर्ग, अध्यक्ष शलभ गुप्ता एडवोकेट महामंत्री रहे। कार्यक्रम का संचालन शलभ गुप्ता एडवोकेट और महिला सभा मंत्री गुंजन गर्ग द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय वैश्य अग्रवाल राजवंश सभा के केंद्रीय अध्यक्ष कुलदीप कंसल द्वारा की गई।
मूर्ति लोकार्पण के मुख्य अतिथि स्वतंत्र प्रभार मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार कपिल देव अग्रवाल, मीनाक्षी स्वरूप चेयरमैन नगर पालिका, गौरव स्वरूप भाजपा नेता, पूर्व आई.जी. विजय गर्ग, अतुल गुप्ता राजवंश रत्न चंडीगढ़, अजय गुप्ता राजवंश रत्न मेरठ, निरंकार स्वरूप, रंजन मित्तल एडवोकेट, अंकुर दुआ संपादक, इंगित प्रताप सिंह,सौरभ स्वरूप रहे । विशिष्ट अतिथि सतीश बंसल, आकाश बंसल, नवीन चंद अग्रवाल, सत्यप्रकाश् रेशु, अशोक कंसल पूर्व विधायक आदि रहे।
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सर्वप्रथम आयोजकगण द्वारा मुख्य अतिथियों का चन्दन का टीका लगाकर उनका स्वागत किया गया , सभी को राजवंश सभा के प्रतीक चिन्ह भेट किये गये। मुख्य अतिथियों द्वारा वैश्य राजवंश शिरोमणि राजा रतन चंद की मूर्ति की पूजा पंडित वीरेंदर शास्त्री द्वारा कराई गई। मंत्रोंचारण कर मूर्ति का लोकार्पण मंत्री कपिल देव अग्रवाल एवं अन्य अतिथियों के द्वारा किया गया। मां कुलदेवी लक्ष्मी और महाराजा अग्रसेन महाराज और राजा रतन चन्द के जयघोष के साथ मूर्ति का लोकार्पण किया।
राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने राजा रतन चन्द के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ऐसे बहुत महापुरुष मुगलो के समय काल में इतिहास के पन्नों से गायब कर दिये गये थे। राजा रत्न चंद मीरापुर कस्बे के मुकल्लमपुरा में जन्मे और वही शिक्षा प्राप्त कर अपनी कौशलता ओर कुशाग्र बुद्धि से राजा की उपाधि प्राप्त की। मुगलो द्वारा लगाए गए जार्जिया कर को समाप्त करने के लिए लाडे और हिंदुत्व को आगे बढ़ाया। जोतपुर की राजकुमारी इंद्रा को बादशाह की कैद से मुक्त कराकर एक मिसाल कायम की। दहेज़ प्रथा आदि समाज में फैली कुरीतियों का विरोध कर राजवंश समाज की स्थापना की।
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राजा रतन चंद की बढ़ती ख्याति और हिंदुत्व के विस्तार से दुखी होकर मुग़ल शासको द्वारा उनका सिर काटकर हाथी के पैरो से कुचलवाया गया, परन्तु उन्होंने झुकना स्वीकार नही किया, तब समाज ने उन्हे शहीद राजा रत्न चंद की उपाधि से नवाज़ा, ऐसे महान व्यक्तित्व की मूर्ति का लोकार्पण करते हुए मुझे गौरव की अनुभूति हो रही है, शलभ गुप्ता ओर उनकी पूरी टीम को इस भव्य कार्यक्रम की बधाई देता हूं।
कार्यक्रम संयोजक राजेंद्र प्रसाद गर्ग और शलभ गुप्ता द्वारा दूर-दूर से आये सभी वैश्य बंधुओ को मोमेंटो देकर सम्मनित किया गया। अनुराधा गुप्ता और महिला मंत्री गुंजन गर्ग द्वारा आने वाली महिलाओ का जोर शोर के साथ स्वागत कर स्वागत गान की प्रस्तुति दी गई, बच्चों के द्वारा गणेश वंदना प्रस्तुत की गई।
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अजय गुप्ता और अतुल गर्ग द्वारा मुजफ़्फरनगर के आयोजको को बधाई दी गई और राजा रत्न चंद के जीवन पर विस्तार से प्रकाश् डाला गया । विजय गोयल, अंकुर दुआ, सौरभ स्वरूप, अशोक कंसल, कृष्ण गोपाल मित्तल, श्री मोहन तायल, रंजन मित्तल एडवोकेट, सतीश बंसल, आकाश बंसल, सत्य प्रकाश रेशु, पवन अग्रवाल आदि द्वारा भी सम्भोधित किया गया।
केंद्रीय राजवंश सभा के अध्यक्ष कुलदीप कंसल, महामंत्री संजीव द्वारा सफल कार्यक्रम के लिए मुजफ्फरनगर राजवंश सभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद गर्ग और महामंत्री को केंद्र की ओर प्रतीक चिन्ह भेटकर सम्मानित किया गया।
मुख्य रूप से अलक्षेन्द्र प्रताप, बीना कुमार, पंकज राजवंशी, अमित गुप्ता एडवोकेट, अश्वनी सिंघल, आर.के. गोयल, विपिन गुप्ता, प्रियांशु गर्ग, राजेंद्र गुप्ता, अजय गुप्ता, आलोक गर्ग, चिराग गुप्ता, राहुल मित्तल, महेश चन्द, मुकेश
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कूकड़ा, नरेश चन्द, सुनील गर्ग, प्रदीप कुमार, डीजीसी सिविल गौरव गोयल, कन्हैया लाल गुप्ता, सुधीर ऐरन , सुबोध एरन, अनुराधा गुप्ता, गुंजन गर्ग, अनिता राजवंशी, सुनीता एरण, बिंदिया गुप्ता, रश्मि गुप्ता, नमिता सिंघल, साधना सिंघल, रेनू गर्ग,सरिता राजवंशी मीरापुर, पूनम राजवंशी, शिवम् राजवंशी, अजित मित्तल, जितेंद्र मित्तल, संजीव ऐरन, संजीव गोयल, ललित गुप्ता, आरसी गोयल, धीरज मित्तल, संजय गुप्ता, नीरा गुप्ता, अशोक गुप्ता देहरादून, अमित मांगलिक, अनिल तायल, मयंक बंसल, सुशील राजवंशी, अखिल गर्ग, नंदनी गुप्ता, नेहा गुप्ता, भावना गुप्ता, अमिता गुप्ता, शिप्रा गुप्ता, शिखा गुप्ता, गौरव गुप्ता आदि हजारों की संख्या में वैश्य बंधु मौजूद रहे।