नयी दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने लोक सेवकों से ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ काम करने की अपील करते हुए कहा है कि स्थानीय और राज्य स्तर पर उनके द्वारा किए गए विकास एवं जन कल्याण कार्य राष्ट्रीय लक्ष्यों को हासिल करने में सहायक होंगे।
श्रीमती मुर्मु ने मंगलवार को यहां विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में सहायक सचिव के रूप में कार्यरत 2023 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के एक समूह से राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में मुलाकात की।
राष्ट्रपति ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा , “ वे असाधारण दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से आईएएस अधिकारी बने हैं। इससे उनके व्यक्तिगत जीवन में एक परिवर्तनकारी बदलाव आया है। अब और भी अधिक दृढ़ संकल्प और समर्पण के साथ, उनके पास अनगिनत लोगों के जीवन में परिवर्तनकारी बदलाव लाने का अवसर है। उनकी सेवा और अधिकार का क्षेत्र इतना व्यापक है कि वे अपनी पहली पोस्टिंग में ही कई साथी नागरिकों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं।”
श्रीमती मुर्मु ने अधिकारियों को वंचित वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए विशेष प्रयास करने की सलाह दी। उन्होंने यह भी सलाह दी कि वे अपने करियर की यात्रा के दौरान कुछ समय बाद पोस्टिंग के स्थानों का दौरा करें और अपने काम के दूरगामी परिणाम देखें।
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राष्ट्रपति ने कहा कि अधिकारियों को सिविल सेवकों के अधिकारों और कर्तव्यों को ध्यान में रखना चाहिए। लोक सेवक के कर्तव्य ही उसकी जिम्मेदारियां हैं और उसके अधिकार ही उन कर्तव्यों को पूरा करने का साधन हैं। राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहा ,“ उनके असली करियर की कहानी उनके काम से बनेगी,सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स की संख्या बढ़ाने से नहीं। उनकी असली सामाजिक संपत्ति उनके अच्छे काम से तय होगी। ” उन्होंने कहा कि हर लोक सेवक को ईमानदारी और उद्देश्य के साथ काम करना चाहिए। पर्यावरण प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सभी सामना कर रहे हैं। अनैतिकता का प्रदूषण और मूल्यों का क्षरण भी बहुत गंभीर चुनौतियां हैं। समर्पित और ईमानदार होने के बारे में और कुछ कहने की जरूरत नहीं है। ईमानदारी, सच्चाई और सादगी के जीवन मूल्यों का पालन करने वाले लोग अधिक खुश रहते हैं।
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उन्होंने कहा कि लोक सेवा में ईमानदारी सबसे वांछनीय नीति है। लोक सेवक से यह अपेक्षा की जाती है कि वे जीवन के हर क्षेत्र में ईमानदारी और संवेदनशीलता का उदाहरण पेश करेंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटल युग में लोगों की आकांक्षाएं बढ़ रही हैं। वे प्रशासकों की जवाबदेही के प्रति जागरूक हो रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को अपने साथी नागरिकों के साथ निकटता विकसित करने और स्थानीय प्रयासों में उनकी भागीदारी बढ़ाने की सलाह दी। उन्होंने उन्हें जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए जनहित के मुद्दों को हल करने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि स्थानीय एवं राज्य स्तर पर उनके द्वारा किए गए विकास एवं जन कल्याण कार्य राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होंगे।