Thursday, April 24, 2025

मुजफ्फरनगर में मुस्लिम भी पहलगाम हिंसा के विरोध में सड़क पर उतरे, आतंकियों के खिलाफ लगाए नारे

मुजफ्फरनगर- जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों की घटिया हरकत का विरोध देश में हर तरफ हो रहा है । जम्मू कश्मीर में मुसलमानों ने बाजार बंद करके और कैंडल मार्च निकालकर घटना का जहां विरोध किया है वहीं मुजफ्फरनगर में भी मुस्लिम समाज इस घटना के विरोध में सड़कों पर उतर आया है।

 

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मुजफ्फरनगर के मीनाक्षी चौक पर मुस्लिम समाज के लोग विरोध की तख्तियां हाथ में लेकर सड़क पर उतर आए । उन्होंने पहलगाम में हुई आतंकी घटना का खुलकर विरोध किया और आतंकवादियों के खिलाफ नारेबाजी की । उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ केंद्र सरकार से शीघ्र से शीघ्र सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

 

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जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमलें को लेकर देशवासियों का उबाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। पैगाम ए इंसानियत के तत्वाधान में मुस्लिम समाज के लोगों ने हाथों में मोमबत्ती लेकर पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और सरकार से बड़ा एक्शन लेने की मांग की ।

 

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रहमानिया कॉलोनी स्थित पैगाम ए इंसानियत के कैंप कार्यालय से मीनाक्षी चौक तक कैंडल मार्च निकाला गया। इस दौरान आतंकवाद मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए।

इस मौके पर अध्यक्ष आसिफ़ राही ने कहा कि मुज़फ्फरनगर ही नहीं पूरे देश में गम का माहौल है क्योंकि हमने अपने परिवार के 27 लोगों को खोया है और अफ़सोस है कि ऐसी घटना में खोया है जिस घटना के घटित होने के बाद हर भारतवासी का सर शर्म से झुक गया है।

यह ऐसी घटना है जो सोची समझी साजिश और देश को तोड़ने वाली है, भाईचारे को खत्म करने वाली है,ऐसी घटना में हमारे 27 लोगों की जान गई है,जो किसी ना किसी परिवार में किसी के भाई,किसी के बाप, किसी का बेटा थे। किसी के पति थे, इसलिए हमने पैगाम ए इसानियत के तत्वाधान में यह कैंडल मार्च निकाला है। उन लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए और आतंकवाद के विरोध के लिए।

उन्होंने कहा कि
आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। और उनका पहला मकसद यह है जो हमारा देश लोकतांत्रिक देश है। गंगा जमुनी तहजीब का देश है, हिंदू मुस्लिम भाई चारे की मिसाल हमारे देश की पूरी दुनिया में है। इसे किस तरीके से तोड़कर कमजोर किया जाए। इसीलिए उन्होंने ऐसा खेल खेला है कि धर्म पूछ करके जानें ली गई है। लेकिन इसकी सच्चाई यह है घटना के बाद सबसे पहले मदद को पहुंचने वाले स्थानीय लोग उसी मजहब के थे,जिस मजहब को वो बदनाम करना चाहते थे।

उन्होंने कहा कि उनमें एक व्यक्ति जिसने आमने-सामने आ कर के आतंकवादियों की बंदूक छीनने की कोशिश की, वो भी उसी धर्म से था जिस धर्म को वह बदनाम करना चाहते थे। इंसानियत का कोई धर्म नहीं होता, इंसानियत का पहला धर्म होती है मोहब्बत और प्यार, हम भारतवासी हैं देशवासी हैं सब भाई-भाई हैं,इन तुच्छ हरकतों की वजह से हमारा देश नहीं टूटेगा और मेरा विश्वास है कि ना ही हिंदू मुस्लिम भाई चारे में कोई फर्क पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के विरोध में सरकार ऐसा सख्त निर्णय ले कि जिन लोगों की जान गई है,मरने वाले और उनके परिवार न्याय के हकदार हैं। सरकार को ऐसा निर्णय लेना चाहिए जिससे पूरी दुनिया देखे और आतंकवाद के विरोध में एक नजीर बनकर कम से कम हिंदुस्तान में करता हुआ कोई सोचें।

सद्भावना मंच सेकुलर फ्रंट के अध्यक्ष गौहर सिद्दीकी ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की मजम्मत करते हुए कहा कि पुरअमन माहौल को कुछ नापाक हरकतों की वजह से कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। हम सब लोगों को एक होकर के इस हरकत और आतंकवादियों के खिलाफ काम करना चाहिए। हमने आज इसी सिलसिले में हमारे भाई जो इस हमले में मारे गए हैं जो घायल हुए हैं, उन लोगों के लिए कैंडल मार्च निकाल करके एक संदेश दिया है कि हम सब एक है।

जमियत के मौलाना मूसा कासमी ने पहलगाम में हुई आतंकी घटना को पूरी इंसानियत के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि हम इंसान होने के नाते इस कायराना हरकत की मजम्मत करते हैं। निंदा करते है। जिन का कत्ल किया गया है उन परिवार के साथ में हम खड़े हैं।

उन्होंने मांग की है कि कातिलों को ऐसी सजा दी जाए जो मिसाल और नजीर बनें । मौलाना मूसा कासमी ने कहा कि इस्लाम के अंदर एक इंसान का कत्ल पूरी इंसानियत का कत्ल माना जाता है। जो लोग इसको इस्लाम से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं वह सही मायनों में इस्लाम की तालीमात से वाकिफ नहीं है। लेकिन यह घटना इतनी दर्दनाक है कि जितनी इसकी निंदा की जाए कम है। हमारी तरफ से एक छोटी सी कोशिश की गई है कैंडल मार्च के जरिए एक विरोध प्रदर्शन किया गया है। जिससे हुकूमत तक हमारा संदेश पहुंचे कि हम लोग हुकूमत के साथ है जो भी हुकूमत का कदम होगा हम उसके साथ हैं।

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