नयी दिल्ली- एक प्रमुख पहल के अंतर्गत, निर्वाचन आयोग मतदाताओं और अन्य हितधारकों जैसे चुनाव अधिकारियों, राजनीतिक दलों और नागरिक समाज के लिए एक नया उपयोगकर्ता-अनुकूल डिजिटल इंटरफ़ेस विकसित कर रहा है। नया वन-स्टॉप प्लेटफ़ॉर्म, 40 से अधिक मौजूदा मोबाइल और वेब एप्लिकेशन को एकीकृत और पुनर्निर्देशित करेगा।
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ईसीआईनेट में एक आकर्षक यूजर इंटरफेस (यूआई) और एक सरलीकृत यूजर एक्सपीरियंस (यूएक्स) होगा, जो सभी चुनाव-संबंधित गतिविधियों के लिए एक एकल मंच प्रदान करेगा। इसे उपयोगकर्ताओं को कई ऐप डाउनलोड करने और नेविगेट करने तथा अलग-अलग लॉगिन याद रखने के बोझ को कम करने के लिए भी डिज़ाइन किया गया है।
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इस मंच की परिकल्पना मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) श्री ज्ञानेश कुमार ने मार्च 2025 में आयोजित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के सम्मेलन के दौरान चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी की उपस्थिति में की थी।
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ईसीआईनेट उपयोगकर्ताओं को उनके डेस्कटॉप या स्मार्टफोन्स पर प्रासंगिक चुनावी डेटा तक पहुँचने में भी सक्षम बनाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि डेटा यथासंभव सटीक हो, ईसीआईनेट पर डेटा केवल अधिकृत ईसीआई अधिकारी द्वारा दर्ज किया जाएगा। संबंधित अधिकारी द्वारा प्रविष्टि यह सुनिश्चित करेगी कि हितधारकों को उपलब्ध कराया गया डेटा यथासंभव सटीक है। हालांकि, किसी भी विवाद की स्थिति में, वैधानिक प्रपत्रों में विधिवत भरा गया प्राथमिक डेटा मान्य होगा।
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ईसीआईनेट में वोटर हेल्पलाइन ऐप, वोटर टर्नआउट ऐप, सी विजिल, सुविधा 2.0, ईएसएमएस, सक्षम और केवाईसी ऐप जैसे मौजूदा ऐप शामिल होंगे, जिनके कुल मिलाकर 5.5 करोड़ से अधिक डाउनलोड हो चुके हैं। ईसीआईनेट से लगभग 100 करोड़ मतदाताओं और पूरे चुनावी तंत्र को लाभ होने की उम्मीद है, जिसमें 10.5 लाख से अधिक बूथ स्तर के
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अधिकारी (बीएलओ), राजनीतिक पार्टियों द्वारा नियुक्त लगभग 15 लाख बूथ स्तर के एजेंट (बीएलए), लगभग 45 लाख मतदान अधिकारी, 15,597 सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (एईआरओ), 4,123 निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) और पूरे देश में 767 जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) शामिल हैं।
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ईसीआईनेट पहले ही विकास के एक उन्नत चरण में पहुंच चुका है और सुचारू कार्यप्रणाली, उपयोग की सरलता, और मजबूत साइबर सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के लिए कठोर परीक्षण किए जा रहे हैं। इसे सभी राज्यों/संविधान क्षेत्रों के 36 सीईओ, 767 डीईओ और 4,123 ईआरओ की भागीदारी के साथ एक विस्तृत परामर्शी कार्यवाही के बाद विकसित किया जा रहा है।
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ईसीआईएनईटी के माध्यम से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, 1951, निर्वाचन पंजीकरण नियम, 1960, निर्वाचन संचालन नियम, 1961 और समय-समय पर ईसीआई द्वारा जारी निर्देशों द्वारा स्थापित कानूनी ढांचे के भीतर सख्ती से संरेखित किया जाएगा।