Monday, December 23, 2024

कर्नाटक में विवादित मुस्लिम आरक्षण पर अमित शाह ने दिया बयान, सुप्रीम कोर्ट नाराज

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक में नौकरियों और शिक्षा में मुसलमानों के लिए चार फ़ीसदी आरक्षण के मुद्दे पर मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कथित सार्वजनिक बयान देने पर आपत्ति जताई।

न्यायमूर्ति के एम जोसेफ, न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने इस मामले के अदालत के विचाराधीन होने का जिक्र करते हुए कहा,“हम इस तरह के राजनीतिकरण की अनुमति नहीं दे सकते, जब हम मामले की सुनवाई के लिए तैयार हैं।”

शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे के केंद्रीय गृह मंत्री शाह द्वारा दिए गए बयान का हवाला दिए जाने पर मौखिक टिप्पणी के दौरान अपनी आपत्ति व्यक्त की।

ऐसा बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री मंत्री ने मुस्लिम आरक्षण को संविधान की भावना के खिलाफ बताया था।

पीठ ने कहा,“जब मामला अदालत में हो तो अदालत का फैसला आने से पहले इस तरह के बयान नहीं दिए जाने चाहिए।”

इस पर कर्नाटक सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस तरह के किसी बयान की जानकारी होने से इनकार करते हुए कहा कि कोई भी धर्म आधारित आरक्षण असंवैधानिक है।

पीठ ने कहा, “इस पर (मुस्लिम आरक्षण पर) सार्वजनिक बयान नहीं दिया जाना चाहिए। हमारा राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।”

दूसरी ओर, दवे ने कहा कि वह मंत्री के बयान को अदालत के समक्ष रिकॉर्ड पर रख सकते हैं।

सेंट्रल मुस्लिम एसोसिएशन ने अपनी याचिका में प्रेस को इस तरह के भाषण प्रकाशित करने से रोकने के लिए निर्देश देने की गुहार अदालत से लगाई थी।

अदालत ने सॉलिसिटर जनरल के इस बयान को भी दर्ज किया कि राज्य सरकार के 27 मार्च के फैसले पर अगले आदेश तक मुसलमानों को चार फीसदी आरक्षण खत्म करने के फैसले पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

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