नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देश वर्ष 2025 तक टी बी रोग से मुक्त होने का लक्ष्य हासिल करने की ओर बढ रहा है और दस लाख टीबी मरीजों को गोद लेने वाले निक्षय मित्र इसमें अभियान में बड़ा सहयोग कर रहे हैं।
मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में कहा कि देश आज एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है और यह है टी बी का रोग। उन्होंंने कहा कि सरकार ने 2025 तक देश को टी बी मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य बहुत बडा जरूर है लेकिन अब जिस तरह से टीबी के मरीज को परिवार का सदस्य बनाकर उनकी मदद की जा रही है उससे बड़ा बदलावा आया है और इससे इस रोग के उन्मूलन में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा , “ आज देश में 10 लाख से ज्यादा टी बी मरीजों को गोद लिया जा चुका है । यह पुण्य काम किया है करीब 85 हजार निक्षय मित्रों ने । देश के कई सरपंचों ने, ग्राम प्रधानों ने भी यह बीड़ा उठाया है कि वे अपने गांव में टी बी को समाप्त करके ही रहेंगे। ”
उन्होंने कहा कि क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने के लिए निक्षय मित्रों ने मोर्चा संभाल लिया है देश में बहुत बड़ी संख्या में विभिन्न सामाजिक संगठन भी निक्षय मित्र बनें हैं। गांव देहात में पंचायतों में हजारों लोगों ने खुद आगे आकर टीबी मरीजों को गोद लिया है।
प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश के ऊना की नलिनी सिंह, मध्य प्रदेश के कटनी जिले की मीनाक्षी और पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर के बश्वेर मुखर्जी का हवाला देते हुए कहा कि इन्होंने अपनी गुल्लक के पैसे टी बी मुक्त भारत के अभियान में लगा दिये। यह कम उम्र में उनकी बड़ी सोच से ही संभव हुआ है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह नैनीताल के एक गांव के निक्षय मित्र दीकर सिंह मेवाड़ी ने टी.बी.के छह मरीजों को गोद लिया है। ऐसे ही किन्नौर की एक ग्राम पंचायत के प्रधान निक्षय मित्र ज्ञान सिंह भी अपने ब्लॉक में टी.बी. मरीजों को हर जरुरी सहायता उपलब्ध कराने में जुटे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कितने ही लोग हैं जो टीबी मरीजों की मदद के लिए आगे आये हैं ये जन भागीदारी ही टी बी मुक्त भारत अभियान की सबसे बड़ी ताकत है।
प्रधानमंत्री आमतौर पर महीने के अंतिम रविवार को मन की बात में देशवासियों को संबोधित करते हैं लेकिन इस बार 20 जून से उनके अमेरिका दौरे पर जाने के कारण इस कार्यक्रम का प्रसारण तीसरे रविवार को यानी आज किया गया।