दिल्ली। केंद्रीय विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया जल्द ही खाड़ी देशों समेत विश्व के अन्य देशों में अपना विदेशी कैंपस खोल सकता है। विश्वविद्यालय के मुताबिक, जामिया मध्य-पूर्व और अन्य देशों में विदेशी परिसर खोलने की संभावनाएं तलाश रहा है।
गौरतलब है कि बीते दिनों ही आईआईटी मद्रास और आईआईटी दिल्ली ने अपने विदेशी कैंपस शुरू करने की घोषणा की है। आईआईटी दिल्ली आबू धाबी और आईआईटी-मद्रास तंजानिया में अपने यह कैंपस खोलने जा रहा है।
रविवार को जामिया का शताब्दी वर्ष दीक्षांत समारोह का आयोजित किया गया। इस दौरान जामिया की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने पिछले कुछ वर्षों में विश्वविद्यालय की विभिन्न उपलब्धियों और ‘ब्रांड जामिया’ को और मजबूत करने की भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने घोषणा की कि जामिया मध्य-पूर्व और अन्य देशों में विदेशी परिसर खोलने की संभावनाएं तलाश रहा है और दुनियाभर में अपने पूर्व छात्रों के साथ अपने संपर्क को मजबूत करना चाहता है। दो वर्षों में लगभग 12 हजार 500 छात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया से उत्तीर्ण हुए जिनमें लगभग 800 स्वर्ण पदक विजेता और पीएच.डी. डिग्री हासिल करने वाले छात्र शामिल हैं। इस केंद्रीय विश्वविद्यालय ने 2019 और 2020 के अपने इन छात्रों को डिग्री और डिप्लोमा प्रदान करने के लिए शताब्दी दीक्षांत समारोह का आयोजन किया।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि थे, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने कुछ सफल अभ्यर्थियों को पीएच.डी. डिग्री और स्वर्ण पदक प्रदान किए। अख्तर ने विश्वविद्यालय की रिपोर्ट पेश की। उन्होंने घोषणा की कि जामिया को एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है, जो उनका और जामिया बिरादरी का लंबे समय से सपना था।
धर्मेंद्र प्रधान ने दीक्षांत समारोह के लिए सभी छात्रों और जामिया बिरादरी को बधाई दी। उन्होंने छात्रों को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि जामिया जैसे संस्थान बौद्धिक नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं और अमृतकाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा, “आज, जब पूरी दुनिया भारत और इसकी व्यवस्था की ओर देख रही है, मुझे उम्मीद है कि जामिया राष्ट्रीय शिक्षा नीति की आवश्यकताओं के अनुसार वैश्विक मानवता का विकास करेगा जो अंतत पश्चिमी दुनिया और वैश्विक दक्षिण के बीच असमानता को कम करेगा।”
जामिया में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना पर प्रधान ने कहा कि जामिया सिर्फ एक मेडिकल कॉलेज शुरू नहीं करेगा, बल्कि हमें दुनिया के जटिल चिकित्सा मुद्दों को हल करने के लिए जामिया को एक शहरी अनुसंधान केंद्र बनाने का प्रयास करना चाहिए। रविवार शाम को विश्वविद्यालय के डॉ. एम.ए. अंसारी सभागार में एक ‘स्वर्ण पदक वितरण समारोह’ आयोजित किया गया, जहां दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने टॉपर्स को स्वर्ण पदक प्रदान किए। उपराज्यपाल ने स्वर्ण पदक प्राप्तकर्ताओं को बधाई दी और उन्हें निस्वार्थ समर्पण के साथ समुदाय और राष्ट्र की सेवा करने के लिए जामिया के महान संस्थापकों का सच्चा आदर्श बनने के लिए प्रेरित किया।