मुंबई । पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक चर्चाओं के केंद्र में रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के प्रति अपनी वफादारी दोहराई। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला भी बोला।
सभी राजनीतिक अटकलों को खारिज करते हुए शरद पवार ने छत्रपति संभाजीनगर में मीडियाकर्मियों से कहा, “भाजपा में शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं है। मैं एमवीए के साथ हूं। हम मुंबई में आगामी राष्ट्रीय विपक्षी गठबंधन की बैठक की तैयारी कर रहे हैं।”
उन्होंने उन खबरों को भी खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि एमवीए की सहयोगी कांग्रेस-शिवसेना (यूबीटी) ने कथित तौर पर आगामी लोकसभा, विधानसभा या निकाय चुनाव में एनसीपी (एसपी) के बिना लड़ने के लिए ‘प्लान बी’ या ‘प्लान सी’ तैयार रखा है।
कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष विजय वडेत्तीवार और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने तर्क दिया है कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजीत पवार के लिए पूर्व में शर्त रखी थी कि वह तभी सीएम बन सकते हैं, जब वह अपने चाचा को भाजपा के पाले में लाने में सफल होंगे। उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान या नीति आयोग की अध्यक्षता से पुरस्कृत किया जाएगा।
इस मामले पर शरद पवार ने कहा, ”ऐसी कोई बात नहीं है। ये अफवाह सिर्फ मीडिया में है, हकीकत कुछ और है। जब मैं पिछले हफ्ते अजीत पवार से मिला तो उन्होंने मेरे लिए ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं लाया।”
भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए शरद पवार ने कहा कि भगवा पार्टी लोगों के बीच नफरत फैलाने में लगी हुई है और उसके फैसलों के परिणामस्वरूप समाज में विभिन्न जातियों और धर्मों के बीच विवाद या कड़वाहट पैदा होती है।
शरद पवार ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के दिन पीएम मोदी ने मणिपुर पर 2 मिनट और अन्य मुद्दों पर दो घंटे तक बात की। उन्होंने नहीं सोचा कि यह महत्वपूर्ण था या उन्हें मणिपुर जाना चाहिए और वहां के लोगों का विश्वास बढ़ाना चाहिए।
पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री शरद पवार ने आगाह किया कि मणिपुर चीन की सीमा के पास है और इसलिए उस राज्य पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। पिछले तीन महीनों से वहां जो कुछ भी हो रहा है, वह देश के लिए खतरनाक है।
शरद पवार ने पीएम मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए भाषण का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने घोषणा की थी कि वह 2024 में सत्ता में लौटेंगे।
शरद पवार ने कहा कि देश में मौजूदा माहौल भाजपा की वापसी के लिए अनुकूल नहीं है। चाहे वह ‘वापस आने’ का कितना भी दावा करें, उनका अंत देवेंद्र फड़णवीस जैसा ही होगा।
एनसीपी सुप्रीमो ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों की चुनी हुई राज्य सरकारों को कमजोर करने के प्रयास चल रहे हैं, जैसा कि गोवा, मध्य प्रदेश या महाराष्ट्र और अन्य जगह देखा गया।
उन्होंने कहा कि जनता अब ये सब बर्दाश्त नहीं करेगी और भाजपा को सबक सिखाएगी।