नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में नदी और नहरों के रास्ते जल परिवहन के क्षेत्र की तस्वीर में हो रहे महत्वपूर्ण परिवर्तनों को महत्वपूर्ण बताया है।
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल द्वारा अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन पर लिखे गए एक लेख पर मोदी ने कहा है कि अंतर्देशीय जलमार्ग पर्यावरण अनुकूल और लागत प्रभावी परिवहन के साधन के रूप में उभर रहे हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोमवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, “केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल लिखते हैं कि किस तरह 2014 के बाद अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन एक गेम-चेंजर साबित हो रहा है और साथ ही पर्यावरण अनुकूल और लागत प्रभावी परिवहन के साधन के रूप में उभर रहा है।”
मोदी ने जनवरी में वाराणसी से डिब्रूगढ़ के लिए दुनिया में नदी मार्ग से लंबी अंतर्देशीय क्रज यात्रा को हरी झंडी दिखायी थी। एमबी गंगाविलास पोत ने इस मार्ग पर 3200 किमी की यात्रा 51 दिन में पूरी की।
राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम 2016 के तहत देश भर में 111 जलमार्गों की पहचान की गयी है। इसकी कुल लंबाई 30 हजार किलो मीटर है।
सोनोवाल ने लिखा है कि 2030 तक पोत परिवहन 2030 क्षेत्र के विकास के लिए तैयार -दी मेरीटाइम इंडिया विजन’में माल ढुलाई में इस दशक के अंत तक अंतर्देशीय जलमार्गों से ढुलाई का हिस्सा पांच प्रतिशत तक करने और इन मार्गों से यात्रा करने वालों की संख्या 70 करोड़ से ऊपर पहुंचाने का लक्ष्य है।