रांची। चेक बाउंस मामले में बॉलीवुड अभिनेत्री अमीषा पटेल सोमवार को सिविल कोर्ट में पेश हुई। पिछले एक महीने में यह दूसरा मौका है जब इस मामले में अमीषा पटेल कोर्ट में सशरीर उपस्थित हुई। पेश होने के दौरान बॉलीवुड अभिनेत्री ने अपने ऊपर लगे धोखाधड़ी के सभी आरोपों को गलत बताया तो वहीं इस मामले में अब याचिकाकर्ता की ओर से मध्यस्थता का आग्रह किया गया है। सिविल जज सीनियर डिवीजन डीएन शुक्ला के आदेश के आलोक में अमीषा कोर्ट में सोमवार को सशरीर उपस्थित हुई औ अपने ऊपर लगे आरोप को गलत बताया। वहीं मामले में याचिकाकर्ता अजय कुमार सिंह की ओर से मध्यस्थता से इस मामले को सुलझाने का आग्रह किया गया।
सोमवार को कोर्ट ने अमीषा पटेल को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया था। पिछली सुनवाई में अमीषा पटेल की ओर से कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट का आग्रह करते हुए सीआरपीसी की धारा 317 के तहत आवेदन दाखिल किया गया था, जिसमें कहा गया था वह अर्जेंट कार्य से चंडीगढ़ , मोहाली में एक कार्यक्रम में आई है। इसलिए वे कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सकती हैं, जिसके बाद कोर्ट ने उनकी सशरीर उपस्थिति के लिए 10 जुलाई की तिथि निर्धारित की थी। इससे पूर्व पिछले महीने हुई सुनवाई के दौरान अमीषा पटेल ने सिविल जज सीनियर डिविजन डी एन शुक्ला की कोर्ट में सरेंडर किया था, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें 10 हजार के दो निजी मुचलके पर जमानत प्रदान की थी।
उल्लेखनीय है कि अमीषा पटेल के खिलाफ रांची सिविल कोर्ट से वारंट जारी किया था। यह वारंट झारखंड के फिल्म निर्माता अजय कुमार सिंह की ओर अमीषा पटेल और उनके बिजनेस पार्टनर कुणाल ग्रूमर के खिलाफ दाखिल चेक बाउंस,धोखाधड़ी और धमकी मामले में किया गया था। अरगोड़ा निवासी अजय कुमार सिंह ने यह केस 17 नवंबर 2018 को सीजेएम कोर्ट में दायर किया था। आरोप था कि म्जूयिक मेकिंग के नाम पर अमीषा पटेल ने अजय कुमार सिंह से ढाई करोड़ की राशि ली, लेकिन राशि लेने के बाद म्यूजिक मेकिंग की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। बाद में अजय कुमार सिंह ने पैसे की मांग की। काफी टालमटोल के बाद अक्तूबर 2018 में ढाई करोड़ एवं 50 लाख रुपए के दो चेक दिए, जो बाउंस हो गए। इसके बाद अजय सिंह ने मुकदमा किया था।