Friday, April 11, 2025

अमेरिका में लगे आरोप के बाद अदाणी ग्रुप ने लिया बड़ा फैसला

 

नई दिल्ली। अदाणी ग्रुप ने श्रीलंका के कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल (CWIT) प्रोजेक्ट के लिए अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास वित्त निगम (DFC) से लिया जाने वाला 55.3 करोड़ डॉलर का ऋण वापस लेने का फैसला किया है। यह निर्णय अमेरिकी न्याय मंत्रालय द्वारा अदाणी ग्रुप पर भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोपों के बीच लिया गया।

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अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) ने मंगलवार को शेयर बाजार को दी गई जानकारी में बताया कि प्रोजेक्ट का वित्त पोषण अब आंतरिक स्रोतों और पूंजी प्रबंधन योजनाओं के जरिये किया जाएगा।

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कंपनी ने कहा कि “हमने डीएफसी से वित्त पोषण के लिए अपना अनुरोध वापस ले लिया है। कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल (CWIT) प्रोजेक्ट अगले साल की शुरुआत तक चालू होने की उम्मीद है। प्रोजेक्ट को अदाणी पोर्ट्स (51% हिस्सेदारी), श्रीलंकाई समूह जॉन कील्स होल्डिंग्स पीएलसी, और श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी (SLPA) के संघ द्वारा विकसित किया जा रहा है।

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अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी और सात अन्य पर आरोप लगाया है कि उन्होंने 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत देकर सौर ऊर्जा से जुड़े ठेके हासिल किए।

 

 

हालांकि, अदाणी ग्रुप ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है।

यह भी पढ़ें :  PM मोदी पहुंचे थाईलैंड, बैंकॉक में हुआ भव्य स्वागत, BIMSTEC शिखर सम्मेलन में लेंगे भाग।

 

अमेरिकी एजेंसी डीएफसी का वित्त पोषण, क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने और बुनियादी ढांचे के विकास को प्रोत्साहित करने की अमेरिकी रणनीति का हिस्सा था।

 

हालांकि, डीएफसी ने अदाणी और श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी के बीच समझौते को संशोधित करने की मांग की, जिससे ऋण प्रक्रिया रुक गई।

 

DFC से ऋण समझौता रद्द होने के बाद भी प्रोजेक्ट प्रभावित नहीं होगा। अदाणी ग्रुप ने कहा है कि वह अपने संसाधनों से परियोजना को समय पर पूरा करेगा। यह कदम कंपनी की वित्तीय ताकत और प्रतिबद्धता को दर्शाता है, लेकिन साथ ही यह अंतरराष्ट्रीय विवादों में कंपनी की स्थिति पर सवाल भी खड़े करता है।

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