जनवरी में जायद मूंगफली की खेती बन सकती है किसानों की कमाई का सबसे बड़ा जरिया, कम पानी में मिलेगा शानदार उत्पादन और तगड़ा मुनाफा
आज हम खेती से जुड़े एक ऐसे मौके की बात कर रहे हैं जो सही समय पर सही फैसला लेने वाले किसानों के लिए आमदनी बढ़ाने का मजबूत जरिया बन सकता है। बदलते कृषि पैटर्न और नई तकनीकों के कारण अब मूंगफली सिर्फ खरीफ तक सीमित नहीं रही है। जायद सीजन में भी इसकी खेती कर किसान अपने खाली पड़े खेतों से अच्छा लाभ ले सकते हैं। जनवरी का महीना जायद मूंगफली की बुआई के लिए अनुकूल माना जाता है और अगर शुरुआत सही हो तो नतीजे भी उम्मीद से बेहतर मिलते हैं।
जायद सीजन में मूंगफली क्यों बन रही है फायदेमंद विकल्प
किस्म चयन में सावधानी ही सफलता की कुंजी
जायद मूंगफली में बेहतर उत्पादन के लिए किस्म चयन सबसे अहम माना जाता है। हमेशा उन्नत और प्रमाणित किस्मों का चुनाव करना चाहिए ताकि फसल रोगों से सुरक्षित रहे और उत्पादन स्थिर बना रहे। कुछ किस्में ऐसी होती हैं जो कम समय में तैयार हो जाती हैं और जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होती है। ऐसी किस्मों को अपनाने से जोखिम कम होता है और मेहनत का पूरा फल मिलता है।
उन्नत खेती विधि से बढ़ेगा उत्पादन
मूंगफली की बुआई समतल खेत में भी की जा सकती है लेकिन मेड़ बनाकर बुआई करना ज्यादा लाभकारी माना जाता है। इस तरीके से जल निकास बेहतर होता है और पौधों की जड़ें स्वस्थ रहती हैं। मेड़ पर दोनों ओर दो कतार में बुआई करने से पौधों को पर्याप्त जगह मिलती है और उनका विकास अच्छा होता है। अगर सिंचाई की आधुनिक पद्धति अपनाई जाए तो कम पानी में भी फसल को सही नमी मिल जाती है।
कम पानी में बेहतर सिंचाई का तरीका
जायद सीजन में पानी की बचत बहुत जरूरी होती है। ऐसे में बूंद बूंद सिंचाई पद्धति से फसल को बड़ा फायदा मिल सकता है। इस तकनीक से पानी सीधे जड़ों तक पहुंचता है और बेवजह बर्बादी नहीं होती। जिन किसानों के पास पोषक तत्व देने की सुविधा है वे घुलनशील उर्वरकों का उपयोग कर सकते हैं जिससे पौधों को समय पर जरूरी तत्व मिलते हैं और वृद्धि तेज होती है।
जायद मूंगफली से अतिरिक्त आमदनी का मौका
जनवरी के महीने में जायद मूंगफली की खेती उन किसानों के लिए एक बेहतरीन अवसर है जो कम लागत में अतिरिक्त आमदनी चाहते हैं। सही किस्म का चयन संतुलित सिंचाई और उन्नत तकनीक अपनाकर किसान अच्छी पैदावार हासिल कर सकते हैं। खाली पड़े खेतों का सही उपयोग करके यह फसल खेती को और ज्यादा लाभकारी बना सकती है।
डिस्क्लेमर
यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। खेती से जुड़े निर्णय लेने से पहले स्थानीय कृषि विशेषज्ञ या कृषि विभाग से सलाह जरूर लें। मौसम मिट्टी और संसाधनों के अनुसार परिणाम अलग हो सकते हैं।
