सर्दियों में बोई जाने वाली यह फसल बना रही है हजारों किसानों की डबल इनकम
अगर आप खेती से कम समय में अच्छी कमाई करना चाहते हैं तो सरसों की फसल आपके लिए उम्मीद की नई किरण बन सकती है। यह फसल सिर्फ अनाज या तेल तक सीमित नहीं है बल्कि हर स्तर पर किसान को फायदा देती है। यही वजह है कि देश के कई हिस्सों में इसे सबसे भरोसेमंद रबी फसल माना जाता है।
सर्दियों में लगातार बनी रहती है सरसों की मांग
बुवाई के बाद जल्दी मिलने लगती है कमाई
सरसों की बुवाई के लगभग तीस दिन बाद ही इसके कोमल पत्ते साग के रूप में बाजार में बिकने लगते हैं। इससे किसान को शुरुआती दौर में ही नकद पैसा मिलने लगता है। यह आमदनी खेती के खर्च को निकालने में काफी मदद करती है और आर्थिक दबाव कम करती है।
साग से भी फायदा और तेल से भी कमाई
जब सरसों की फसल पूरी तरह पक जाती है तब इसके दानों से तेल निकाला जाता है। एक तरफ घर के लिए शुद्ध तेल मिल जाता है और दूसरी तरफ तेल बेचकर अच्छी आमदनी भी हो जाती है। इस तरह एक ही फसल से दो स्तर पर फायदा होता है और यही इसे खास बनाता है।
कम मेहनत में तैयार होने वाली आसान फसल
सरसों की खेती ज्यादा कठिन नहीं होती। इसकी देखभाल आसान है और ज्यादा संसाधनों की जरूरत भी नहीं पड़ती। कम समय में तैयार होने वाली यह फसल उन लोगों के लिए भी बेहतर विकल्प है जो खेती में जोखिम कम रखना चाहते हैं।
मिट्टी की ताकत बढ़ाती है सरसों की खेती
सरसों सिर्फ कमाई का जरिया नहीं है बल्कि यह खेत की सेहत के लिए भी फायदेमंद है। इसकी खेती से मिट्टी की गुणवत्ता बेहतर होती है और उर्वरता बढ़ती है। फसल के बाद बचे अवशेष खेत के लिए उपयोगी साबित होते हैं।
तनों और पत्तों का भी होता है पूरा उपयोग
सरसों के पत्ते साग के रूप में काम आते हैं और इसके तनों का इस्तेमाल ईंधन के तौर पर किया जाता है। इस तरह फसल का कोई भी हिस्सा बेकार नहीं जाता। यही वजह है कि इसे एक संपूर्ण लाभ देने वाली फसल कहा जाता है।
कम समय में ज्यादा मुनाफे का भरोसेमंद विकल्प
अगर आप ऐसी खेती की तलाश में हैं जिसमें जोखिम कम हो और फायदा ज्यादा मिले तो सरसों की फसल आपके लिए सही रास्ता दिखा सकती है। यह फसल मेहनत का पूरा फल देती है और किसान को आत्मनिर्भर बनने में मदद करती है।
Disclaimer
यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। खेती से जुड़ा कोई भी फैसला करने से पहले स्थानीय कृषि सलाह और परिस्थितियों को जरूर ध्यान में रखें।
