सहारनपुर। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने छात्रों को वर्तमान की आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षित करने, स्किल को गुणवत्ता से जोडने, स्थानीय स्तर के अनुभवी ट्रेनरों की सुविधाओं का लाभ लेने, अगली बैठक में उद्योग बंधुओं को बुलाने तथा उनके अनुभवों का लाभ प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षित युवाओं को उद्योगों का निरंतर भ्रमण करवाने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी अखिलेश सिंह कलेक्ट्रेट सभागार में जिला कौशल विकास समिति एवं जिला कारागार कौशल विकास समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बैठक में विभागों द्वारा जनपद में कौशल प्रशिक्षण करवाने हेतु सेक्टर एवं जाॅब रोल, जनपद में कौशल विकास योजना का औचित्य व प्रारूप, डीएसडीपी में सम्मिलित सेक्टर व प्रशिक्षण हेतु कार्य योजना तथा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा रोजगार सेवक और स्वयं सहायता समूह को प्रशिक्षण देने एवं जिला कारागार में कौशल प्रशिक्षण के संदर्भ में बिन्दुवार समीक्षा की ।
अखिलेश सिंह ने छात्रों को वर्तमान की आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षित करने, स्किल को गुणवत्ता से जोडने, स्थानीय स्तर के अनुभवी ट्रेनरों की सुविधाओं का लाभ लेने, अगली बैठक में उद्योग बंधुओं को बुलाने तथा उनके अनुभवों का लाभ प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षित युवाओं को उद्योगों का निरंतर भ्रमण करवाने के निर्देश दिये।
उन्होने कहा कि जनपद में उद्योगों की प्रमुखता है इसका लाभ प्रशिक्षणकर्ताओं को अवश्य मिलना चाहिए। इस संदर्भ में प्रधानाचार्य राजकीय आईटीआई एवं संबंधित विभाग उद्योग बंधुओं से समन्वय स्थापित करते हुए बेहतर रणनीति बनाना सुनिश्चित करें। प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण देने का उद्देश्य कुशल बनाने के साथ-साथ उनको सरकार द्वारा रोजगार सृजक बनने के लिए दी जा रही सुविधाओं, मशीनरी इत्यादि से भी अवगत कराया जाए।
यह ध्यान रखा जाए कि प्रशिक्षणार्थी का विकास समग्रता में हो। जिला कारागार में इच्छुक कैदियों को कौशल प्रशिक्षण देकर समाज की मुख्य धारा से जोडने का कार्य किया जाए। कैदियों को कुशल बनाकर आय सृजन के योग्य बनाया जाए। उनकी योग्यता को सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित करने में सहयोग प्रदान किया जाए ताकि वे समाज में संरचनात्मक ढंग से अपना योगदान दे सकें।
कैदियों के आधार न बने होने के प्रकरण के संबंध में उन्होने जिला कारागार अधीक्षक को निर्देश दिये कि जिला कारागार में कैम्प लगवाकर उनके आधार कार्ड बनवाएं जाएं ताकि सरकार द्वारा दी जा रही आनलाइन ट्रेनिंग का लाभ उनको मिल सके।
राजकीय आईटीआई के प्रधानाचार्य को निर्देश देते हुए कहा कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में रोजगार सेवक, स्वयं सहायता समूह को भी गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण देकर प्रशिक्षित किया जाए। सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त प्राईवेट प्रशिक्षण संस्थानों की निगरानी की जाए एवं उनके द्वारा दिये गये प्रशिक्षणों का आंकलन कर देखा जाए कि कितने प्रशिक्षणार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण देने में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी विजय कुमार, प्रधानाचार्य राजकीय आईटीआई राकेश कुमार, उपायुक्त उद्योग सिद्धार्थ यादव, जिला पंचायती राज अधिकारी आलोक कुमार शर्मा, जिला सूचना अधिकारी दिलीप कुमार गुप्ता, सहायक जिला सेवायोजन अधिकारी सुशील कुमार, एमआईएस मैनेजर पवन सिंह, एवं एमजीएन फैलो तरंग भारती तथा संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।