लखनऊ। डॉ. भीमराव आंबेडकर पर गृहमंत्री अमित शाह के बयान को लेकर विपक्षी सांसदों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव और मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव ने भी भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) से माफी की मांग की है। संसद परिसर में शुक्रवार को अखिलेश यादव ने कहा कि संसद की कार्यवाही तो समाप्त हो जाएगी, लेकिन यह मुद्दा खत्म नहीं होगा। उन्होंने भाजपा से अनुरोध किया कि गृहमंत्री अमित शाह अपनी गलती स्वीकार करें और अपने शब्द वापस लें।
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अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा, “देश को आगे ले जाने के लिए बाबा साहेब का संविधान हमें सही रास्ता दिखाता है। लेकिन भाजपा समय-समय पर इस संविधान को कमजोर करने की कोशिश करती है। भाजपा के लोग सबसे पहले असंवैधानिक काम करते हैं, अन्याय करते हैं, और जब आप पीड़ितों के पक्ष में खड़े होते हैं तो वे आप पर झूठे मुकदमे लगाते हैं।”
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सपा अध्यक्ष ने आगे कहा, “गृहमंत्री अमित शाह को अपने शब्द वापस लेने चाहिए और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का अपमान नहीं करना चाहिए।”
यह बयान अमित शाह के उस विवादास्पद टिप्पणी के बाद आया, जिसमें उन्होंने आंबेडकर को लेकर एक बयान दिया था, जिसे विपक्ष ने अपमानजनक माना। इस मुद्दे को लेकर सपा सहित कई विपक्षी दलों ने भाजपा पर आक्रामक रुख अपनाया है और अमित शाह से माफी की मांग की है।
संसद में भी यह मुद्दा जोर पकड़ चुका है, और विपक्षी नेताओं ने इसे भारतीय राजनीति और संविधान के मूल्यों के खिलाफ एक हमला बताया है।