लखनऊ । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने श्रीरामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को सपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाने पर अखिलेश यादव की तुलना मो. गजनी और गौरी से की है। उन्होंने कहा कि मानस पर अभद्र टिप्प्णी करने वाले को इनाम देने वाले अखिलेश का कृत्य विदेशी आक्रांताओं की याद दिलाता है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने रविवार को स्वामी प्रसाद मौर्य को समाजवादी पार्टी (सपा) का राष्ट्रीय महामंत्री बनाए जाने पर अखिलेश यादव को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने जारी बयान में कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस फैसले से साबित हो गया है कि वह स्वामी प्रसाद मौर्य के हिन्दू आस्था और सनातन संस्कृति पर प्रहार करने वाले बयान के साथ हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चौधरी ने कहा कि सपा प्रमुख ने हिन्दुओं की आस्था व सनातन संस्कृति का अपमान और श्रीरामचरितमानस का अनादर करने के लिए राष्ट्रीय महामंत्री बनाकर स्वामी प्रसाद मौर्य को इनाम दिया है। सपा प्रमुख ने घृणित बयान देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को महामंत्री बनाकर हिन्दू सम्मान, स्वाभिमान और आस्था को चोट पहुंचाने के अपने इरादे साफ कर दिए हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सपा प्रमुख के कृत्य गजनी और गौरी की याद दिलाते हैं। मो. गजनी और गौरी ने बाहर से आकर सनातन संस्कृति और हिंदुओं की आस्था पर प्रहार किए। वही काम सपा प्रमुख यहां रह कर कर रहे हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि जातिवादी राजनीति के पोषक अखिलेश यादव के इस फैसले से साबित हो गया है कि वह न तो राम के और न ही कृष्ण के वंशज हैं। क्योंकि कृष्ण का कोई भी वंशज न संतों का अपमान कर सकता है और न ही रामचरित मानस का और न सनातन संस्कृति का।
भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि जिन्होंने संकटमोचन मंदिर पर हमला करने वाले आतंकियों की रिहाई के लिए कोशिशें की, जिन्होंने कावड़ यात्रा पर रोक लगाई, जिन्होंने अयोध्या में परिक्रमा पर रोक लगाई, वे ही राम को अपमानित कर रहे हैं। क्योंकि अगर राम की मर्यादा और आदर्श को मानते तो ऐसा कभी करने की सोचते भी नहीं। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि परशुराम मंदिर, यज्ञों में सहभागिता और संतों से मुलाकात सपा प्रमुख का ढोंग है। जनता उनका सच समझ चुकी है और एक बार फिर उन्हें उनके कृत्यों की सजा जनता देगी।