लखनऊ। उत्तर प्रदेश की रिक्त विधानसभा की 10 सीटों पर उपचुनाव को लेकर एनडीए गठबंधन की पार्टियों ने तैयारियां तेज कर दी है। इसी क्रम में राष्ट्रीय लोकदल ने भी प्रदेश की 10 सीटों पर जीत के लिए पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर उपचुनाव में विजयी हासिल करने की रणनीति बनाई है। रालोद ने इसको लेकर तैयारियां भी तेज कर दी है।
इस संबंध में रालोद के राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्रा ने सोमवार को बताया कि आने वाले दिनों में प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इसको लेकर एनडीए गठबंधन सभी सीटों पर चुनाव की तैयारी कर रहा है। राष्ट्रीय लोकदल एनडीए का घटक दल है इसको लेकर चुनाव में हमारी भी सहभागिता होगी। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि किसके खाते में कौन सी सीट जाती है। महत्वपूर्ण यह है कि आगामी उपचुनाव में 10 सीटें एनडीए के पास आए। उपचुनाव में रालोद के खाते ही मेरापुर की सीट है जिससे चंदन चौहान लोकसभा सदस्य निर्वाचित हो चुके हैं, वह सीट खाली है और एक अलीगढ़ की खैर सीट ऐसी है जहां के समीकरण कहते हैं कि रालोद के पक्ष में आते हैं। वहीं गाजियाबाद सदर सीट की बात हो रही है।
राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि पार्टी का पदाधिकारी और कार्यकर्ता इस मन और मनोयोग से काम कर रहे हैं कि सीटें गठबंधन में चाहे किसी के पास जाए भारतीय जनता पार्टी उस पर लड़ती है या रालोद लड़ता है तो विजयी हमरी (गठबंधन) की होनी चाहिए। इसी दिशा में हम तैयारी कर रहे हैं कि सभी सीटें एनडीए गठबंधन जीते और हमारे कार्यकर्ताओं में एक नवीन ऊर्जा का संचार हो।
उल्लेखनीय है कि उप्र में विधानसभा उपचुनाव को लेकर एनडीए गठबंधन की पार्टियों में टिकट बंटवारें की मांग उठनी लगी है। उपचुनाव की सीटों को लेकर रालोद तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करना चाहती है। जो वहीं निषाद पार्टी मिर्जापुर की मंझवा सीट अपने पास रखना चाह रही है। हालांकि अभी माना जा रहा है कि उपचुनाव में भाजपा किसी सहयोगी दल को सीट ऑफर नहीं करने वाली है।