Wednesday, January 8, 2025

युवा चेहरों और बामसेफ के सहारे 2027 की तैयारी में जुटी बहुजन समाज पार्टी

 

 

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) उत्तर प्रदेश में अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन वापस पाने के लिए कमर कस चुकी है। पार्टी ने 2027 के विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने के उद्देश्य से अपनी रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में बसपा सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन, 15 जनवरी 2025 को, ‘मिशन 2027’ की औपचारिक शुरुआत की जाएगी।

 

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बसपा ने पिछले कुछ वर्षों में लगातार चुनावी असफलताओं का सामना किया है, लेकिन अब पार्टी इसे एक नए अवसर के रूप में देख रही है। मिशन 2027 के तहत मार्च 2025 तक पार्टी संगठन को मजबूती देने और चुनावी तैयारियों में तेजी लाने का निर्णय लिया गया है। इस मिशन के जरिए बसपा पुराने और नए चेहरों को जोड़कर पार्टी का आधार मजबूत करने की कोशिश कर रही है।

 

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बसपा ने उन पुराने नेताओं की तलाश शुरू कर दी है, जिन्होंने पार्टी छोड़ी, लेकिन किसी और पार्टी में प्रभावी भूमिका नहीं निभाई। ऐसे नेताओं से संपर्क कर उन्हें फिर से पार्टी में शामिल करने की योजना बनाई जा रही है। यह कदम पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में अहम साबित हो सकता है।

 

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मिशन 2027 में युवाओं को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। पार्टी ने अपने ढांचे में बदलाव करते हुए नए और युवा चेहरों को अहम जिम्मेदारियां देने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही बामसेफ को फिर से सक्रिय करने की योजना बनाई गई है, जिससे संगठन को आर्थिक मदद और सामाजिक आधार मिले।

 

हर जिले में बामसेफ का एक अध्यक्ष और 10 उपाध्यक्ष बनाए जाएंगे। विधानसभा स्तर पर एक संयोजक तैनात किया जाएगा। मंडलीय व्यवस्था लागू करते हुए सेक्टर व्यवस्था को समाप्त किया जाएगा।

 

बसपा के इस कदम को समाजवादी पार्टी (सपा) के पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) मॉडल के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। मायावती का यह दांव सपा के गठजोड़ को चुनौती देने और दलित-बहुजन वोट बैंक को पुनः संगठित करने का प्रयास है।

 

पार्टी के रणनीतिकार मान रहे हैं कि प्रदेश में 10 साल तक एक ही पार्टी (भाजपा) के शासन के बाद एंटी-इनकंबेंसी फैक्टर बसपा के लिए मददगार साबित हो सकता है। ऐसे में पार्टी इस मौके को भुनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।

 

बसपा को उम्मीद है कि मायावती के नेतृत्व और उनके सामाजिक न्याय के एजेंडे के साथ पार्टी 2027 के चुनावों में नई शुरुआत करेगी। पार्टी का मानना है कि संगठनात्मक बदलाव और जमीनी स्तर पर सक्रियता से वह अपनी खोई हुई जमीन को दोबारा हासिल कर सकेगी।

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