Monday, December 23, 2024

सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते देश का अन्नदाता किसान कर्जबंद होकर आत्महत्या करने को मजबूर है -भगत सिंह वर्मा

सहारनपुर। भाकियू कार्यालय पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन वर्मा व पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि भारतवर्ष कृषि प्रधान देश होने के बावजूद भी आजादी के 77 वर्ष बाद दिल्ली में बैठे हुए नेताओं की उदासीनता और किसान विरोधी नीतियों के चलते देश का अन्नदाता किसान आर्थिक संकट से घिर चुका है। कृषि प्रधान देश में दिल्ली लुटीयन जोन में बैठे हुए बड़े नेताओं की किसान विरोधी नीतियों के चलते देश का अन्नदाता किसान कर्जबंद होकर आत्महत्या करने को मजबूर है और अभावग्रस्त जीवन जीने को मजबूर है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि आजादी से अब तक देश के 77 वर्षों में देश के किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य तो दूर लागत मूल्य भी सरकारें नहीं दिला पाई हैं। यदि देश के किसानों को उनकी फसलों का लागत मूल्य भी मिल जाता तो आज देश के किसानों को 50 लाख करोड रुपए मिलते लेकिन आज देश का अन्नदाता किसान देश को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने के बावजूद 24 लाख करोड रुपए का कर्जबंद हो गया है जो वर्ष 2000 में मात्र 1 लाख करोड रुपए कर्ज था।
भगत सिंह वर्मा ने कहा कि भाजपा के नेताओं और खुद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि हम वर्ष 2022 में देश के किसानों की आय दोगुनी कर देंगे लेकिन आए तो दुगनी नहीं हुई है कर्ज जरूर 24 गुना हो गया है। किसानों से  अपने बच्चों की पढ़ाई का महंगा बोझ भी नहीं उठाया जा रहा है। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि देश को उन्नतशील, विकासशील बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी देश के अन्नदाता किसानों के सभी कर्ज समाप्त करें, किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिलाए, मनरेगा योजना को सीधा खेती से जोड़कर किसानों को मजदूर उपलब्ध कराएं, एम एस पी को गारंटी कानून बनाएं, ट्रैक्टर, कृषि यंत्र, खाद, बीज, कीटनाशक दवाओं से जीएसटी को समाप्त कराएं, छुट्टा व आवारा पशुओं से किसानों की खेती को बचाएं, देश के किसान, मजदूर और गरीब के बच्चों को शिक्षा और चिकित्सा नि:शुल्क कराई जाए, गन्ना उत्तर प्रदेश ही नहीं देश की आर्थिक रीढ है।
गन्ना किसानों को बढ़ती लागत को देखते हुए गन्ने का लाभकारी मूल्य ₹700 कुंतल नकद दिलाया जाए जो आसानी से उत्तर प्रदेश और देश के गन्ना किसानों को दिया जा सकता है। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य होने के कारण गरीबी, महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, गुंडागर्दी एवं अवयवस्था की चपेट में है। इसलिए राज्य पुनर्गठन आयोग गठित करके उत्तर प्रदेश को चार भागों में बांटकर पृथक पश्चिम प्रदेश का निर्माण कराया जाए। पृथक पश्चिम प्रदेश निर्माण होने पर यहां सभी को रोजगार और किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य मिलेगा।
बैठक का संचालन करते हुए भारतीय किसान यूनियन वर्मा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर अशोक मलिक ने कहा कि सभी समस्याओं को एक निदान पृथक पश्चिम प्रदेश का निर्माण करो। डॉ अशोक मलिक ने कहा कि सरकार ने सहारनपुर के चारों तरफ टोल प्लाजा बैरियर लगा दिए हैं। सड़कों पर आम आदमी व गरीब का चलना दूभर है। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी जी तत्काल प्रभाव से टोल टैक्स समाप्त कराएं। क्योंकि कार व सभी गाड़ियों से पहले ही रोड टैक्स और भारी मात्रा में उत्पाद शुल्क केंद्र सरकार वसूलती हैं।
बैठक में भारतीय किसान यूनियन वर्मा के राष्ट्रीय संरक्षक चौधरी रामचंद्र गुर्जर, प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित नीरज कपिल, प्रदेश महामंत्री आसिम मलिक, प्रदेश संगठन मंत्री धर्मवीर चौधरी, प्रदेश सचिव ऋषिपाल गुर्जर, महानगर अध्यक्ष जहीर तुर्की, पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा जिला अध्यक्ष सुशील धारकी, मंडल उपाध्यक्ष  कृपाल चौधरी, जिला उपाध्यक्ष मोहम्मद वसीम जहीरपुर, जिला मंत्री महबूब हसन, जिला मंत्री मुकर्रम प्रधान, ब्लॉक अध्यक्ष हाजी बुद्धू हसन, महानगर उपाध्यक्ष हाजी कलीमउर रहमान, जिला उपाध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी एडवोकेट, कार्यकारिणी सदस्य अजीत सिंह एडवोकेट, सुमित वर्मा आदि ने भाग लिया।
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